भजन संहिता 68:30
नरकटों में रहने वाले बनैले पशुओं को, सांड़ों के झुण्ड को और देश देश के बछड़ों को झिड़क दे। वे चान्दी के टुकड़े लिये हुए प्रणाम करेंगे; जो लोगे युद्ध से प्रसन्न रहते हैं, उन को उसने तितर बितर किया है।
Rebuke | גְּעַ֨ר | gĕʿar | ɡeh-AR |
the company | חַיַּ֪ת | ḥayyat | ha-YAHT |
of spearmen, | קָנֶ֡ה | qāne | ka-NEH |
the multitude | עֲדַ֤ת | ʿădat | uh-DAHT |
bulls, the of | אַבִּירִ֨ים׀ | ʾabbîrîm | ah-bee-REEM |
with the calves | בְּעֶגְלֵ֬י | bĕʿeglê | beh-eɡ-LAY |
of the people, | עַמִּ֗ים | ʿammîm | ah-MEEM |
himself submit one every till | מִתְרַפֵּ֥ס | mitrappēs | meet-ra-PASE |
with pieces | בְּרַצֵּי | bĕraṣṣê | beh-ra-TSAY |
of silver: | כָ֑סֶף | kāsep | HA-sef |
scatter | בִּזַּ֥ר | bizzar | bee-ZAHR |
people the thou | עַ֝מִּ֗ים | ʿammîm | AH-MEEM |
that delight | קְרָב֥וֹת | qĕrābôt | keh-ra-VOTE |
in war. | יֶחְפָּֽצוּ׃ | yeḥpāṣû | yek-pa-TSOO |