भजन संहिता 69:20
मेरा हृदय नामधराई के कारण फट गया, और मैं बहुत उदास हूं। मैं ने किसी तरस खाने वाले की आशा तो की, परन्तु किसी को न पाया, और शान्ति देने वाले ढूंढ़ता तो रहा, परन्तु कोई न मिला।
Reproach | חֶרְפָּ֤ה׀ | ḥerpâ | her-PA |
hath broken | שָֽׁבְרָ֥ה | šābĕrâ | sha-veh-RA |
my heart; | לִבִּ֗י | libbî | lee-BEE |
heaviness: of full am I and | וָֽאָ֫נ֥וּשָׁה | wāʾānûšâ | va-AH-NOO-sha |
and I looked | וָאֲקַוֶּ֣ה | wāʾăqawwe | va-uh-ka-WEH |
pity, take to some for | לָנ֣וּד | lānûd | la-NOOD |
but there was none; | וָאַ֑יִן | wāʾayin | va-AH-yeen |
comforters, for and | וְ֝לַמְנַחֲמִ֗ים | wĕlamnaḥămîm | VEH-lahm-na-huh-MEEM |
but I found | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
none. | מָצָֽאתִי׃ | māṣāʾtî | ma-TSA-tee |