भजन संहिता 8
1 हे यहोवा हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है! तू ने अपना वैभव स्वर्ग पर दिखाया है।
2 तू ने अपने बैरियों के कारण बच्चोंऔर दूध पिउवों के द्वारा सामर्थ्य की नेव डाली है, ताकि तू शत्रु और पलटा लेने वालों को रोक रखे।
3 जब मैं आकाश को, जो तेरे हाथों का कार्य है, और चंद्रमा और तरागण को जो तू ने नियुक्त किए हैं, देखता हूं;
4 तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?
5 क्योंकि तू ने उसको परमेश्वर से थोड़ा ही कम बनाया है, और महिमा और प्रताप का मुकुट उसके सिर पर रखा है।
6 तू ने उसे अपने हाथों के कार्यों पर प्रभुता दी है; तू ने उसके पांव तले सब कुछ कर दिया है।
7 सब भेड़- बकरी और गाय- बैल और जितने वनपशु हैं,
8 आकाश के पक्षी और समुद्र की मछलियां, और जितने जीव- जन्तु समुद्रों में चलते फिरते हैं।
9 हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है॥
1 To the chief Musician upon Gittith, A Psalm of David.
2 O Lord our Lord, how excellent is thy name in all the earth! who hast set thy glory above the heavens.
3 Out of the mouth of babes and sucklings hast thou ordained strength because of thine enemies, that thou mightest still the enemy and the avenger.
4 When I consider thy heavens, the work of thy fingers, the moon and the stars, which thou hast ordained;
5 What is man, that thou art mindful of him? and the son of man, that thou visitest him?
6 For thou hast made him a little lower than the angels, and hast crowned him with glory and honour.
7 Thou madest him to have dominion over the works of thy hands; thou hast put all things under his feet:
8 All sheep and oxen, yea, and the beasts of the field;
9 The fowl of the air, and the fish of the sea, and whatsoever passeth through the paths of the seas.
10 O Lord our Lord, how excellent is thy name in all the earth!