भजन संहिता 84:2
मेरा प्राण यहोवा के आंगनों की अभिलाषा करते करते मूर्छित हो चला; मेरा तन मन दोनों जीवते ईश्वर को पुकार रहे॥
My soul | נִכְסְפָ֬ה | niksĕpâ | neek-seh-FA |
longeth, | וְגַם | wĕgam | veh-ɡAHM |
yea, even | כָּלְתָ֨ה׀ | koltâ | kole-TA |
fainteth | נַפְשִׁי֮ | napšiy | nahf-SHEE |
for the courts | לְחַצְר֪וֹת | lĕḥaṣrôt | leh-hahts-ROTE |
Lord: the of | יְה֫וָ֥ה | yĕhwâ | YEH-VA |
my heart | לִבִּ֥י | libbî | lee-BEE |
and my flesh | וּבְשָׂרִ֑י | ûbĕśārî | oo-veh-sa-REE |
out crieth | יְ֝רַנְּנ֗וּ | yĕrannĕnû | YEH-ra-neh-NOO |
for | אֶ֣ל | ʾel | el |
the living | אֵֽל | ʾēl | ale |
God. | חָֽי׃ | ḥāy | hai |