Base Word | |
מִקְלָט | |
Short Definition | an asylum (as a receptacle) |
Long Definition | refuge, asylum |
Derivation | from H7038 in the sense of taking in |
International Phonetic Alphabet | mɪk’ˈlɔːt̪’ |
IPA mod | mikˈlɑːt |
Syllable | miqlāṭ |
Diction | mik-LAWT |
Diction Mod | meek-LAHT |
Usage | refuge |
Part of speech | n-m |
गिनती 35:6
और जो नगर तुम लेवियों को दोगे उन में से छ: शरणनगर हों, जिन्हें तुम को खूनी के भागने के लिये ठहराना होगा, और उन से अधिक बयालीस नगर और भी देना।
गिनती 35:11
तक ऐसे नगर ठहराना जो तुम्हारे लिये शरणनगर हों, कि जो कोई किसी को भूल से मार के खूनी ठहरा हो वह वहां भाग जाए।
गिनती 35:12
वे नगर तुम्हारे निमित्त पलटा लेने वाले से शरण लेने के काम आएंगे, कि जब तक खूनी न्याय के लिये मण्डली के साम्हने खड़ा न हो तब तक वह न मार डाला जाए।
गिनती 35:13
और शरण के जो नगर तुम दोगे वे छ: हों।
गिनती 35:14
तीन नगर तो यरदन के इस पार, और तीन कनान देश में देना; शरणनगर इतने ही रहें।
गिनती 35:15
ये छहों नगर इस्त्राएलियों के और उनके बीच रहने वाले परदेशियों के लिये भी शरणस्थान ठहरें, कि जो कोई किसी को भूल से मार डाले वह वहीं भाग जाए।
गिनती 35:25
और मण्डली उस खूनी को लोहू के पलटा लेने वाले के हाथ से बचाकर उस शरणनगर में जहां वह पहिले भाग गया हो लौटा दे, और जब तक पवित्र तेल से अभिषेक किया हुआ महायाजक न मर जाए तब तक वह वहीं रहे।
गिनती 35:26
परन्तु यदि वह खूनी उस शरणस्थान के सिवाने से जिस में वह भाग गया हो बाहर निकलकर और कहीं जाए,
गिनती 35:27
और लोहू का पलटा लेने वाला उसको शरणस्थान के सिवाने के बाहर कहीं पाकर मार डाले, तो वह लोहू बहाने का दोषी न ठहरे।
गिनती 35:28
क्योंकि खूनी को महायाजक की मृत्यु तक शरणस्थान में रहना चाहिये; और महायाजक के मरने के पश्चात वह अपनी निज भूमि को लौट सकेगा।
Occurences : 20
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