Jeremiah 12:2
तू उन को बोता और वे जड़ भी पकड़ते; वे बढ़ते और फलते भी हैं; तू उनके मुंह के निकट है परन्तु उन के मनों से दूर है।
Thou hast planted | נְטַעְתָּם֙ | nĕṭaʿtām | neh-ta-TAHM |
them, yea, | גַּם | gam | ɡahm |
root: taken have they | שֹׁרָ֔שׁוּ | šōrāšû | shoh-RA-shoo |
they grow, | יֵלְכ֖וּ | yēlĕkû | yay-leh-HOO |
yea, | גַּם | gam | ɡahm |
forth bring they | עָ֣שׂוּ | ʿāśû | AH-soo |
fruit: | פֶ֑רִי | perî | FEH-ree |
thou | קָר֤וֹב | qārôb | ka-ROVE |
art near | אַתָּה֙ | ʾattāh | ah-TA |
mouth, their in | בְּפִיהֶ֔ם | bĕpîhem | beh-fee-HEM |
and far from | וְרָח֖וֹק | wĕrāḥôq | veh-ra-HOKE |
their reins. | מִכִּלְיוֹתֵיהֶֽם׃ | mikkilyôtêhem | mee-keel-yoh-tay-HEM |