Jeremiah 12:4
कब तक देश विलाप करता रहेगा, और सारे मैदान की घास सूखी रहेगी? देश के निवासियों की बुराई के कारण पशु-पक्षी सब नाश हो गए हैं, क्योंकि उन लोगों ने कहा, वह हमारे अन्त को न देखेगा।
How long | עַד | ʿad | ad |
מָתַי֙ | mātay | ma-TA | |
shall the land | תֶּאֱבַ֣ל | teʾĕbal | teh-ay-VAHL |
mourn, | הָאָ֔רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
herbs the and | וְעֵ֥שֶׂב | wĕʿēśeb | veh-A-sev |
of every | כָּל | kāl | kahl |
field | הַשָּׂדֶ֖ה | haśśāde | ha-sa-DEH |
wither, | יִיבָ֑שׁ | yîbāš | yee-VAHSH |
wickedness the for | מֵרָעַ֣ת | mērāʿat | may-ra-AT |
dwell that them of | יֹֽשְׁבֵי | yōšĕbê | YOH-sheh-vay |
therein? the beasts | בָ֗הּ | bāh | va |
consumed, are | סָפְתָ֤ה | soptâ | sofe-TA |
and the birds; | בְהֵמוֹת֙ | bĕhēmôt | veh-hay-MOTE |
because | וָע֔וֹף | wāʿôp | va-OFE |
they said, | כִּ֣י | kî | kee |
He shall not | אָמְר֔וּ | ʾomrû | ome-ROO |
see | לֹ֥א | lōʾ | loh |
יִרְאֶ֖ה | yirʾe | yeer-EH | |
our last end. | אֶת | ʾet | et |
אַחֲרִיתֵֽנוּ׃ | ʾaḥărîtēnû | ah-huh-ree-tay-NOO |