John 11:53 in Hindi

Hindi Hindi Bible John John 11 John 11:53

John 11:53
सो उसी दिन से वे उसके मार डालने की सम्मति करने लगे॥

John 11:52John 11John 11:54

John 11:53 in Other Translations

King James Version (KJV)
Then from that day forth they took counsel together for to put him to death.

American Standard Version (ASV)
So from that day forth they took counsel that they might put him to death.

Bible in Basic English (BBE)
And from that day they took thought together how to put him to death.

Darby English Bible (DBY)
From that day therefore they took counsel that they might kill him.

World English Bible (WEB)
So from that day forward they took counsel that they might put him to death.

Young's Literal Translation (YLT)
From that day, therefore, they took counsel together that they may kill him;

Then
ἀπ'apap
from
forth
ἐκείνηςekeinēsake-EE-nase
that
οὖνounoon

τῆςtēstase
day
ἡμέραςhēmerasay-MAY-rahs
together
counsel
took
they
συνεβουλεύσαντοsynebouleusantosyoon-ay-voo-LAYF-sahn-toh
for
to
ἵναhinaEE-na
put
him
to
ἀποκτείνωσινapokteinōsinah-poke-TEE-noh-seen
death.
αὐτόνautonaf-TONE

Cross Reference

Nehemiah 4:16
और उस दिन से मेरे आधे सेवक तो उस काम मे लगे रहे और आधे बछिर्यों, तलवारों, धनुषों और झिलमों को धारण किए रहते थे; और यहूदा के सारे घराने के पीछे हाकिम रहा करते थे।

Acts 5:33
यह सुनकर वे जल गए, और उन्हें मार डालना चाहा।

John 12:10
तब महायाजकों ने लाजर को भी मार डालने की सम्मति की।

John 11:47
इस पर महायाजकों और फरीसियों ने मुख्य सभा के लोगों को इकट्ठा करके कहा, हम करते क्या हैं? यह मनुष्य तो बहुत चिन्ह दिखाता है।

Mark 14:1
दो दिन के बाद फसह और अखमीरी रोटी का पर्व्व होनेवाला था: और महायाजक और शास्त्री इस बात की खोज में थे कि उसे क्योंकर छल से पकड़ कर मार डालें।

Mark 3:6
तब फरीसी बाहर जाकर तुरन्त हेरोदियों के साथ उसके विरोध में सम्मति करने लगे, कि उसे किस प्रकार नाश करें॥

Matthew 26:59
महायाजक और सारी महासभा यीशु को मार डालने के लिये उसके विरोध में झूठी गवाही की खोज में थे।

Matthew 22:46
उसके उत्तर में कोई भी एक बात न कह सका; परन्तु उस दिन से किसी को फिर उस से कुछ पूछने का हियाव न हुआ॥

Matthew 16:21
उस समय से यीशु अपने चेलों को बताने लगा, कि मुझे अवश्य है, कि यरूशलेम को जाऊं, और पुरनियों और महायाजकों और शास्त्रियों के हाथ से बहुत दुख उठाऊं; और मार डाला जाऊं; और तीसरे दिन जी उठूं।

Jeremiah 38:15
यिर्मयाह ने सिदकिय्याह से कहा, यदि मैं तुझे बताऊं, तो क्या तू मुझे मरवा न डालेगा? और चाहे मैं तुझे सम्मति भी दूं, तौभी तू मेरी न मानेगा।

Jeremiah 38:4
इसलिये उन हाकिमों ने राजा से कहा कि उस पुरुष को मरवा डाल, क्योंकि वह जो इस नगर में बचे हुए योद्धाओं और अन्य सब लोगों से ऐसे ऐसे वचन कहता है जिस से उनके हाथ पांव ढीले हो जाते हैं। क्योंकि वह पुरुष इस प्रजा के लोगों की भलाई नहीं वरन बुराई ही चाहता है।

Psalm 113:2
यहोवा का नाम अब से ले कर सर्वदा तक धन्य कहा जाय!

Psalm 109:4
मेरे प्रेम के बदले में वे मुझ से विरोध करते हैं, परन्तु मैं तो प्रार्थना में लवलीन रहता हूं।

Psalm 71:10
क्योंकि मेरे शत्रु मेरे विषय बातें करते हैं, और जो मेरे प्राण की ताक में हैं, वे आपस में यह सम्मति करते हैं, कि

Psalm 31:13
मैं ने बहुतों के मुंह से अपना अपवाद सुना, चारों ओर भय ही भय है! जब उन्होंने मेरे विरुद्ध आपस में सम्मति की तब मेरे प्राण लेने की युक्ति की॥

Psalm 2:2
यहोवा के और उसके अभिषिक्त के विरूद्ध पृथ्वी के राजा मिलकर, और हाकिम आपस में सम्मति करके कहते हैं, कि

Nehemiah 13:21
तब मैं ने उन को चिताकर कहा, तुम लोग शहरपनाह के साम्हने क्यों टिकते हो? यदि तुम फिर ऐसा करोगे तो मैं तुम पर हाथ बढ़ाऊंगा। इसलिये उस समय से वे फिर विश्रामवार को नहीं आए।

Acts 9:23
जब बहुत दिन बीत गए, तो यहूदियों ने मिलकर उसके मार डालने की युक्ति निकाली।