Mark 4:6 in Hindi

Hindi Hindi Bible Mark Mark 4 Mark 4:6

Mark 4:6
और जब सूर्य निकला, तो जल गया, और जड़ न पकड़ने के कारण सूख गया।

Mark 4:5Mark 4Mark 4:7

Mark 4:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
But when the sun was up, it was scorched; and because it had no root, it withered away.

American Standard Version (ASV)
and when the sun was risen, it was scorched; and because it had no root, it withered away.

Bible in Basic English (BBE)
And when the sun was high, it was burned; and because it had no root, it became dry and dead.

Darby English Bible (DBY)
and when the sun arose it was burnt up, and because of its not having any root, it withered.

World English Bible (WEB)
When the sun had risen, it was scorched; and because it had no root, it withered away.

Young's Literal Translation (YLT)
and the sun having risen, it was scorched, and because of not having root it did wither;

But
ἡλίουhēliouay-LEE-oo
when
the
sun
was
δὲdethay
up,
ἀνατείλαντοςanateilantosah-na-TEE-lahn-tose
it
was
scorched;
ἐκαυματίσθηekaumatisthēay-ka-ma-TEE-sthay
and
καὶkaikay
because
διὰdiathee-AH
it
had
τὸtotoh

μὴmay
no
ἔχεινecheinA-heen
root,
ῥίζανrhizanREE-zahn
it
withered
away.
ἐξηράνθηexēranthēay-ksay-RAHN-thay

Cross Reference

James 1:11
क्योंकि सूर्य उदय होते ही कड़ी धूप पड़ती है और घास को सुखा देती है, और उसका फूल झड़ जाता है, और उस की शोभा जाती रहती है; उसी प्रकार धनवान भी अपने मार्ग पर चलते चलते धूल में मिल जाएगा।

Revelation 7:16
वे फिर भूखे और प्यासे न होंगे: ओर न उन पर धूप, न कोई तपन पड़ेगी।

Jude 1:12
यह तुम्हारी प्रेम सभाओं में तुम्हारे साथ खाते-पीते, समुद्र में छिपी हुई चट्टान सरीखे हैं, और बेधड़क अपना ही पेट भरने वाले रखवाले हैं; वे निर्जल बादल हैं; जिन्हें हवा उड़ा ले जाती है; पतझड़ के निष्फल पेड़ हैं, जो दो बार मर चुके हैं; और जड़ से उखड़ गए हैं।

2 Thessalonians 2:10
और नाश होने वालों के लिये अधर्म के सब प्रकार के धोखे के साथ होगा; क्योंकि उन्होंने सत्य के प्रेम को ग्रहण नहीं किया जिस से उन का उद्धार होता।

Colossians 2:7
और उसी में जड़ पकड़ते और बढ़ते जाओ; और जैसे तुम सिखाए गए वैसे ही विश्वास में दृढ़ होते जाओ, और अत्यन्त धन्यवाद करते रहो॥

Ephesians 3:17
और विश्वास के द्वारा मसीह तुम्हारे हृदय में बसे कि तुम प्रेम में जड़ पकड़ कर और नेव डाल कर।

Jonah 4:8
जब सूर्य उगा, तब परमेश्वर ने पुरवाई बहा कर लू चलाई, और घाम योना के सिर पर ऐसा लगा कि वह मूर्च्छा खाने लगा; और उसने यह कह कर मृत्यु मांगी, मेरे लिये जीवित रहने से मरना ही अच्छा है।

Jeremiah 17:5
यहोवा यों कहता है, श्रापित है वह पुरुष जो मनुष्य पर भरोसा रखता है, और उसका सहारा लेता है, जिसका मन यहोवा से भटक जाता है।

Isaiah 25:4
क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रोंके लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।

Song of Solomon 1:6
मुझे इसलिये न घूर कि मैं साँवली हूं, क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। मेरी माता के पुत्र मुझ से अप्रसन्न थे, उन्होंने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; परन्तु मैं ने अपनी निज दाख की बारी की रखवाली नहीं की!

Psalm 92:13
वे यहोवा के भवन में रोपे जा कर, हमारे परमेश्वर के आंगनों में फूले फलेंगे।

Psalm 1:3
वह उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है। और अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते कभी मुरझाते नहीं। इसलिये जो कुछ वह पुरूष करे वह सफल होता है॥