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Matthew 2:16 in Hindi

Matthew 2:16 in Tamil Hindi Bible Matthew Matthew 2

Matthew 2:16
जब हेरोदेस ने यह देखा, कि ज्योतिषियों ने मेरे साथ ठट्ठा किया है, तब वह क्रोध से भर गया; और लोगों को भेजकर ज्योतिषियों से ठीक ठीक पूछे हुए समय के अनुसार बैतलहम और उसके आस पास के सब लड़कों को जो दो वर्ष के, वा उस से छोटे थे, मरवा डाला।

Cross Reference

James 2:10
क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।

Matthew 28:20
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥

Matthew 11:11
मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उस से बड़ा है।

1 Timothy 4:11
इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह।

Romans 13:8
आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।

Galatians 5:14
क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

Titus 3:8
यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।

Deuteronomy 12:32
जितनी बातों की मैं तुम को आज्ञा देता हूं उन को चौकस हो कर माना करना; और न तो कुछ उन में बढ़ाना और न उन में से कुछ घटाना॥

Psalm 119:6
तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।

Romans 6:1
सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?

Romans 6:15
तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।

Galatians 3:10
सो जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के आधीन हैं, क्योंकि लिखा है, कि जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।

1 Timothy 6:3
यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देता है; और खरी बातों को, अर्थात हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता, जो भक्ति के अनुसार है।

1 Timothy 6:11
पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।

Titus 2:8
और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिस से विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्ज़ित हों।

Revelation 2:20
पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।

Revelation 2:14
पर मुझे तेरे विरूद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्त्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें।

1 Peter 5:4
और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं।

1 Thessalonians 4:1
निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।

1 Thessalonians 2:10
तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे।

1 Samuel 2:30
इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे।

Psalm 119:128
इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं॥

Daniel 12:3
तब सिखाने वालों की चमक आकाशमण्डल की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा की नाईं प्रकाशमान रहेंगे।

Malachi 2:8
परन्तु तुम लोग धर्म के मार्ग से ही हट गए; तुम बहुतों के लिये व्यवस्था के विषय में ठोकर का कारण हुए; तुम ने लेवी की वाचा को तोड़ दिया है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

Matthew 15:3
उस ने उन को उत्तर दिया, कि तुम भी अपनी रीतों के कारण क्यों परमेश्वर की आज्ञा टालते हो?

Matthew 19:28
यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि नई उत्पत्ति से जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा के सिहांसन पर बैठेगा, तो तुम भी जो मेरे पीछे हो लिये हो, बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करोगे।

Matthew 20:26
परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।

Matthew 23:16
हे अन्धे अगुवों, तुम पर हाय, जो कहते हो कि यदि कोई मन्दिर की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की सौगन्ध खाए तो उस से बन्ध जाएगा।

Luke 1:15
क्योंकि वह प्रभु के साम्हने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पिएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।

Luke 9:48
और उन से कहा; जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है क्योंकि जो तुम में सब से छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।

Luke 11:42
पर हे फरीसियों, तुम पर हाय ! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भांति के साग-पात का दसवां अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो: चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।

Luke 22:24
उन में यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है

Acts 1:1
हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा।

Romans 3:8
और हम क्यों बुराई न करें, कि भलाई निकले जब हम पर यही दोष लगाया भी जाता है, और कितने कहते हैं कि इन का यही कहना है: परन्तु ऐसों का दोषी ठहराना ठीक है॥

Philippians 3:17
हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।

Philippians 4:8
निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।

Deuteronomy 27:26
शापित हो वह जो इस व्यवस्था के वचनों को मानकर पूरा न करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

Then
ΤότεtoteTOH-tay
Herod,
Ἡρῴδηςhērōdēsay-ROH-thase
when
he
saw
ἰδὼνidōnee-THONE
that
ὅτιhotiOH-tee
mocked
was
he
ἐνεπαίχθηenepaichthēane-ay-PAKE-thay
of
ὑπὸhypoyoo-POH
the
τῶνtōntone
men,
wise
μάγωνmagōnMA-gone
was
exceeding
ἐθυμώθηethymōthēay-thyoo-MOH-thay
wroth,
λίανlianLEE-an
and
καὶkaikay
forth,
sent
ἀποστείλαςaposteilasah-poh-STEE-lahs
and
slew
ἀνεῖλενaneilenah-NEE-lane
all
πάνταςpantasPAHN-tahs
the
τοὺςtoustoos
children
παῖδαςpaidasPAY-thahs
in
were
that
τοὺςtoustoos
Bethlehem,
ἐνenane
and
Βηθλεὲμbēthleemvay-thlay-AME
in
καὶkaikay
all
ἐνenane
the
πᾶσινpasinPA-seen
coasts
τοῖςtoistoos
thereof,
ὁρίοιςhorioisoh-REE-oos
from
αὐτῆςautēsaf-TASE
two
years
old
ἀπὸapoah-POH
and
διετοῦςdietousthee-ay-TOOS
under,
καὶkaikay
according
to
κατωτέρωkatōterōka-toh-TAY-roh
the
κατὰkataka-TA
time
τὸνtontone
which
χρόνονchrononHROH-none
inquired
diligently
had
he
ὃνhonone
of
ἠκρίβωσενēkribōsenay-KREE-voh-sane
the
παρὰparapa-RA
wise
men.
τῶνtōntone
μάγωνmagōnMA-gone

Cross Reference

James 2:10
क्योंकि जो कोई सारी व्यवस्था का पालन करता है परन्तु एक ही बात में चूक जाए तो वह सब बातों में दोषी ठहरा।

Matthew 28:20
और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ: और देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं॥

Matthew 11:11
मैं तुम से सच कहता हूं, कि जो स्त्रियों से जन्मे हैं, उन में से यूहन्ना बपतिस्मा देने वाले से कोई बड़ा नहीं हुआ; पर जो स्वर्ग के राज्य में छोटे से छोटा है वह उस से बड़ा है।

1 Timothy 4:11
इन बातों की आज्ञा कर, और सिखाता रह।

Romans 13:8
आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।

Galatians 5:14
क्योंकि सारी व्यवस्था इस एक ही बात में पूरी हो जाती है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

Titus 3:8
यह बात सच है, और मैं चाहता हूं, कि तू इन बातों के विषय में दृढ़ता से बोले इसलिये कि जिन्हों ने परमेश्वर की प्रतीति की है, वे भले-भले कामों में लगे रहने का ध्यान रखें: ये बातें भली, और मनुष्यों के लाभ की हैं।

Deuteronomy 12:32
जितनी बातों की मैं तुम को आज्ञा देता हूं उन को चौकस हो कर माना करना; और न तो कुछ उन में बढ़ाना और न उन में से कुछ घटाना॥

Psalm 119:6
तब मैं तेरी सब आज्ञाओं की ओर चित्त लगाए रहूंगा, और मेरी आशा न टूटेगी।

Romans 6:1
सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?

Romans 6:15
तो क्या हुआ क्या हम इसलिये पाप करें, कि हम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हैं? कदापि नहीं।

Galatians 3:10
सो जितने लोग व्यवस्था के कामों पर भरोसा रखते हैं, वे सब श्राप के आधीन हैं, क्योंकि लिखा है, कि जो कोई व्यवस्था की पुस्तक में लिखी हुई सब बातों के करने में स्थिर नहीं रहता, वह श्रापित है।

1 Timothy 6:3
यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देता है; और खरी बातों को, अर्थात हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता, जो भक्ति के अनुसार है।

1 Timothy 6:11
पर हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से भाग; और धर्म, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज, और नम्रता का पीछा कर।

Titus 2:8
और ऐसी खराई पाई जाए, कि कोई उसे बुरा न कह सके; जिस से विरोधी हम पर कोई दोष लगाने का अवसर न पाकर लज्ज़ित हों।

Revelation 2:20
पर मुझे तेरे विरूद्ध यह कहना है, कि तू उस स्त्री इजेबेल को रहने देता है जो अपने आप को भविष्यद्वक्तिन कहती है, और मेरे दासों को व्यभिचार करने, और मूरतों के आगे के बलिदान खाने को सिखला कर भरमाती है।

Revelation 2:14
पर मुझे तेरे विरूद्ध कुछ बातें कहनी हैं, क्योंकि तेरे यहां कितने तो ऐसे हैं, जो बिलाम की शिक्षा को मानते हैं, जिस ने बालाक को इस्त्राएलियों के आगे ठोकर का कारण रखना सिखाया, कि वे मूरतों के बलिदान खाएं, और व्यभिचार करें।

1 Peter 5:4
और जब प्रधान रखवाला प्रगट होगा, तो तुम्हें महिमा का मुकुट दिया जाएगा, जो मुरझाने का नहीं।

1 Thessalonians 4:1
निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।

1 Thessalonians 2:10
तुम आप ही गवाह हो: और परमेश्वर भी, कि तुम्हारे बीच में जो विश्वास रखते हो हम कैसी पवित्रता और धामिर्कता और निर्दोषता से रहे।

1 Samuel 2:30
इसलिये इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की यह वाणी है, कि मैं ने कहा तो था, कि तेरा घराना और तेरे मूलपुरूष का घराना मेरे साम्हने सदैव चला करेगा; परन्तु अब यहोवा की वाणी यह है, कि यह बात मुझ से दूर हो; क्योंकि जो मेरा आदर करें मैं उनका आदर करूंगा, और जो मुझे तुच्छ जानें वे छोटे समझे जाएंगे।

Psalm 119:128
इसी कारण मैं तेरे सब उपदेशों को सब विषयों में ठीक जानता हूं; और सब मिथ्या मार्गों से बैर रखता हूं॥

Daniel 12:3
तब सिखाने वालों की चमक आकाशमण्डल की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा की नाईं प्रकाशमान रहेंगे।

Malachi 2:8
परन्तु तुम लोग धर्म के मार्ग से ही हट गए; तुम बहुतों के लिये व्यवस्था के विषय में ठोकर का कारण हुए; तुम ने लेवी की वाचा को तोड़ दिया है, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।

Matthew 15:3
उस ने उन को उत्तर दिया, कि तुम भी अपनी रीतों के कारण क्यों परमेश्वर की आज्ञा टालते हो?

Matthew 19:28
यीशु ने उन से कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, कि नई उत्पत्ति से जब मनुष्य का पुत्र अपनी महिमा के सिहांसन पर बैठेगा, तो तुम भी जो मेरे पीछे हो लिये हो, बारह सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करोगे।

Matthew 20:26
परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने।

Matthew 23:16
हे अन्धे अगुवों, तुम पर हाय, जो कहते हो कि यदि कोई मन्दिर की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की सौगन्ध खाए तो उस से बन्ध जाएगा।

Luke 1:15
क्योंकि वह प्रभु के साम्हने महान होगा; और दाखरस और मदिरा कभी न पिएगा; और अपनी माता के गर्भ ही से पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो जाएगा।

Luke 9:48
और उन से कहा; जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है क्योंकि जो तुम में सब से छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।

Luke 11:42
पर हे फरीसियों, तुम पर हाय ! तुम पोदीने और सुदाब का, और सब भांति के साग-पात का दसवां अंश देते हो, परन्तु न्याय को और परमेश्वर के प्रेम को टाल देते हो: चाहिए तो था कि इन्हें भी करते रहते और उन्हें भी न छोड़ते।

Luke 22:24
उन में यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है

Acts 1:1
हे थियुफिलुस, मैं ने पहिली पुस्तिका उन सब बातों के विषय में लिखी, जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा।

Romans 3:8
और हम क्यों बुराई न करें, कि भलाई निकले जब हम पर यही दोष लगाया भी जाता है, और कितने कहते हैं कि इन का यही कहना है: परन्तु ऐसों का दोषी ठहराना ठीक है॥

Philippians 3:17
हे भाइयो, तुम सब मिलकर मेरी सी चाल चलो, और उन्हें पहिचान रखो, जो इस रीति पर चलते हैं जिस का उदाहरण तुम हम में पाते हो।

Philippians 4:8
निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।

Deuteronomy 27:26
शापित हो वह जो इस व्यवस्था के वचनों को मानकर पूरा न करे। तब सब लोग कहें, आमीन॥

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