Philippians 2:30
क्योंकि वही मसीह के काम के लिये अपने प्राणों पर जोखिम उठाकर मरने के निकट हो गया था, ताकि जो घटी तुम्हारी ओर से मेरी सेवा में हुई, उसे पूरा करे॥
Philippians 2:30 in Other Translations
King James Version (KJV)
Because for the work of Christ he was nigh unto death, not regarding his life, to supply your lack of service toward me.
American Standard Version (ASV)
because for the work of Christ he came nigh unto death, hazarding his life to supply that which was lacking in your service toward me.
Bible in Basic English (BBE)
Because for the work of Christ he was near to death, putting his life in danger to make your care for me complete.
Darby English Bible (DBY)
because for the sake of the work he drew near even to death, venturing his life that he might fill up what lacked in your ministration toward me.
World English Bible (WEB)
because for the work of Christ he came near to death, risking his life to supply that which was lacking in your service toward me.
Young's Literal Translation (YLT)
because on account of the work of the Christ he drew near to death, having hazarded the life that he might fill up your deficiency of service unto me.
| Because | ὅτι | hoti | OH-tee |
| for | διὰ | dia | thee-AH |
| the | τὸ | to | toh |
| work | ἔργον | ergon | ARE-gone |
| of | τοῦ | tou | too |
| Christ | Χριστοῦ | christou | hree-STOO |
| he was nigh | μέχρι | mechri | MAY-hree |
| unto | θανάτου | thanatou | tha-NA-too |
| death, | ἤγγισεν | ēngisen | AYNG-gee-sane |
| regarding not | παραβουλευσάμενος | parabouleusamenos | pa-ra-voo-layf-SA-may-nose |
| his | τῇ | tē | tay |
| life, | ψυχῇ | psychē | psyoo-HAY |
| to | ἵνα | hina | EE-na |
| supply | ἀναπληρώσῃ | anaplērōsē | ah-na-play-ROH-say |
| τὸ | to | toh | |
| your | ὑμῶν | hymōn | yoo-MONE |
| lack | ὑστέρημα | hysterēma | yoo-STAY-ray-ma |
| of service | τῆς | tēs | tase |
| πρός | pros | prose | |
| toward | με | me | may |
| me. | λειτουργίας | leitourgias | lee-toor-GEE-as |
Cross Reference
1 Corinthians 16:17
और मैं स्तिफनास और फूरतूनातुस और अखइकुस के आने से आनन्दित हूं, क्योंकि उन्होंने तुम्हारी घटी को पूरी की है।
Philippians 4:10
मैं प्रभु में बहुत आनन्दित हूं कि अब इतने दिनों के बाद तुम्हारा विचार मेरे विषय में फिर जागृत हुआ है; निश्चय तुम्हें आरम्भ में भी इस का विचार था, पर तुम्हें अवसर न मिला।
Acts 20:24
परन्तु मैं अपने प्राण को कुछ नहीं समझता: कि उसे प्रिय जानूं, वरन यह कि मैं अपनी दौड़ को, और उस सेवाकाई को पूरी करूं, जो मैं ने परमेश्वर के अनुग्रह के सुसमाचार पर गवाही देने के लिये प्रभु यीशु से पाई है।
Revelation 12:11
और वे मेम्ने के लोहू के कारण, और अपनी गवाही के वचन के कारण, उस पर जयवन्त हुए, और उन्होंने अपने प्राणों को प्रिय न जाना, यहां तक कि मृत्यु भी सह ली।
Philemon 1:13
उसे मैं अपने ही पास रखना चाहता था कि तेरी ओर से इस कैद में जो सुसमाचार के कारण है, मेरी सेवा करे।
Philippians 4:18
मेरे पास सब कुछ है, वरन बहुतायत से भी है: जो वस्तुएं तुम ने इपफ्रुदीतुस के हाथ से भेजी थीं उन्हें पाकर मैं तृप्त हो गया हूं, वह तो सुगन्ध और ग्रहण करने के योग्य बलिदान है, जो परमेश्वर को भाता है।
Philippians 2:27
और निश्चय वह बीमार तो हो गया था, यहां तक कि मरने पर था, परन्तु परमेश्वर ने उस पर दया की; और केवल उस ही पर नहीं, पर मुझ पर भी, कि मुझे शोक पर शोक न हो।
Philippians 2:17
और यदि मुझे तुम्हारे विश्वास के बलिदान और सेवा के साथ अपना लोहू भी बहाना पड़े तौभी मैं आनन्दित हूं, और तुम सब के साथ आनन्द करता हूं।
Philippians 1:19
क्योंकि मैं जानता हूं, कि तुम्हारी बिनती के द्वारा, और यीशु मसीह की आत्मा के दान के द्वारा इस का प्रतिफल मेरा उद्धार होगा।
2 Corinthians 12:15
मैं तुम्हारी आत्माओं के लिये बहुत आनन्द से खर्च करूंगा, वरन आप भी खर्च हो जाऊंगा: क्या जितना बढ़कर मैं तुम से प्रेम रखता हूं, उतना ही घटकर तुम मुझ से प्रेम रखोगे?
1 Corinthians 16:10
यदि तीमुथियुस आ जाए, तो देखना, कि वह तुम्हारे यहां निडर रहे; क्योंकि वह मेरी नाईं प्रभु का काम करता है।
1 Corinthians 15:53
क्योंकि अवश्य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले।
Romans 16:4
उन्होंने मेरे प्राण के लिये अपना ही सिर दे रखा था और केवल मैं ही नहीं, वरन अन्यजातियों की सारी कलीसियाएं भी उन का धन्यवाद करती हैं।
Matthew 25:36
मैं नंगा था, तुम ने मुझे कपड़े पहिनाए; मैं बीमार था, तुम ने मेरी सुधि ली, मैं बन्दीगृह में था, तुम मुझ से मिलने आए।