Psalm 142:3
जब मेरी आत्मा मेरे भीतर से व्याकुल हो रही थी, तब तू मेरी दशा को जानता था! जिस रास्ते से मैं जाने वाला था, उसी में उन्होंने मेरे लिये फन्दा लगाया।
Psalm 142:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
When my spirit was overwhelmed within me, then thou knewest my path. In the way wherein I walked have they privily laid a snare for me.
American Standard Version (ASV)
When my spirit was overwhelmed within me, Thou knewest my path. In the way wherein I walk Have they hidden a snare for me.
Bible in Basic English (BBE)
When my spirit is overcome, your eyes are on my goings; nets have been secretly placed in the way in which I go.
Darby English Bible (DBY)
When my spirit was overwhelmed within me, then *thou* knewest my path. In the way wherein I walked have they hidden a snare for me.
World English Bible (WEB)
When my spirit was overwhelmed within me, You knew my path. In the way in which I walk, They have hidden a snare for me.
Young's Literal Translation (YLT)
When my spirit hath been feeble in me, Then Thou hast known my path; In the way `in' which I walk, They have hid a snare for me.
| When my spirit | בְּהִתְעַטֵּ֬ף | bĕhitʿaṭṭēp | beh-heet-ah-TAFE |
| was overwhelmed | עָלַ֨י׀ | ʿālay | ah-LAI |
| within | רוּחִ֗י | rûḥî | roo-HEE |
| thou then me, | וְאַתָּה֮ | wĕʾattāh | veh-ah-TA |
| knewest | יָדַ֪עְתָּ | yādaʿtā | ya-DA-ta |
| my path. | נְֽתִיבָ֫תִ֥י | nĕtîbātî | neh-tee-VA-TEE |
| way the In | בְּאֹֽרַח | bĕʾōraḥ | beh-OH-rahk |
| wherein | ז֥וּ | zû | zoo |
| I walked | אֲהַלֵּ֑ךְ | ʾăhallēk | uh-ha-LAKE |
| laid privily they have | טָמְנ֖וּ | ṭomnû | tome-NOO |
| a snare | פַ֣ח | paḥ | fahk |
| for me. | לִֽי׃ | lî | lee |
Cross Reference
Psalm 140:5
घमण्डियों ने मेरे लिये फन्दा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फन्दे लगा रखे हैं॥
Psalm 143:4
मेरी आत्मा भीतर से व्याकुल हो रही है मेरा मन विकल है॥
Mark 14:33
और वह पतरस और याकूब और यूहन्ना को अपने साथ ले गया: और बहुत ही अधीर, और व्याकुल होने लगा।
Matthew 22:15
तब फरीसियों ने जाकर आपस में विचार किया, कि उस को किस प्रकार बातों में फंसाएं।
Jeremiah 18:22
जब तू उन पर अचानक शत्रुदल चढ़ाए, तब उनके घरों से चिल्लाहट सुनाईं दे! क्योंकि उन्होंने मेरे लिये गड़हा खोदा और मेरे फंसाने को फन्दे लगाए हैं।
Psalm 141:9
मुझे उस फन्दे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
Psalm 139:2
तू मेरा उठना बैठना जानता है; और मेरे विचारों को दूर ही से समझ लेता है।
Psalm 102:4
मेरा मन झुलसी हुई घास की नाईं सूख गया है; और मैं अपनी रोटी खाना भूल जाता हूं।
Psalm 77:3
मैं परमेश्वर का स्मरण कर करके करहाता हूं; मैं चिन्ता करते करते मूर्छित हो चला हूं। (सेला)
Psalm 61:2
मूर्छा खाते समय मैं पृथ्वी की छोर से भी तुझे पुकारूंगा, जो चट्टान मेरे लिये ऊंची है, उस पर मुझ को ले चला;
Psalm 56:6
वे सब मिलकर इकट्ठे होते हैं और छिपकर बैठते हैं; वे मेरे कदमों को देखते भालते हैं मानों वे मेरे प्राणों की घात में ताक लगाए बैठें हों।
Psalm 35:7
क्योंकि अकारण उन्होंने मेरे लिये अपना जाल गड़हे में बिछाया; अकारण ही उन्होंने मेरा प्राण लेने के लिये गड़हा खोदा है।
Psalm 31:4
जो जाल उन्होंने मेरे लिये बिछाया है उससे तू मुझ को छुड़ा ले, क्योंकि तू ही मेरा दृढ़ गढ़ है।
Psalm 22:14
मैं जल की नाईं बह गया, और मेरी सब हडि्डयों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया।
Psalm 1:6
क्योंकि यहोवा धर्मियों का मार्ग जानता है, परन्तु दुष्टों का मार्ग नाश हो जाएगा॥
Job 23:10
परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा।
Psalm 17:3
तू ने मेरे हृदय को जांचा है; तू ने रात को मेरी देखभाल की, तू ने मुझे परखा परन्तु कुछ भी खोटापन नहीं पाया; मैं ने ठान लिया है कि मेरे मुंह से अपराध की बात नहीं निकलेगी।