Psalm 32:2
क्या ही धन्य है वह मनुष्य जिसके अधर्म का यहोवा लेखा न ले, और जिसकी आत्मा में कपट न हो॥
Blessed | אַ֥שְֽׁרֵי | ʾašrê | ASH-ray |
is the man | אָדָ֗ם | ʾādām | ah-DAHM |
unto whom the Lord | לֹ֤א | lōʾ | loh |
imputeth | יַחְשֹׁ֬ב | yaḥšōb | yahk-SHOVE |
not | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
iniquity, | ל֣וֹ | lô | loh |
and in whose spirit | עָוֹ֑ן | ʿāwōn | ah-ONE |
there is no | וְאֵ֖ין | wĕʾên | veh-ANE |
guile. | בְּרוּח֣וֹ | bĕrûḥô | beh-roo-HOH |
רְמִיָּה׃ | rĕmiyyâ | reh-mee-YA |