Romans 1:13 in Hindi

Hindi Hindi Bible Romans Romans 1 Romans 1:13

Romans 1:13
और हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस से अनजान रहो, कि मैं ने बार बार तुम्हारे पास आना चाहा, कि जैसा मुझे और अन्यजातियों में फल मिला, वैसा ही तुम में भी मिले, परन्तु अब तक रुका रहा।

Romans 1:12Romans 1Romans 1:14

Romans 1:13 in Other Translations

King James Version (KJV)
Now I would not have you ignorant, brethren, that oftentimes I purposed to come unto you, (but was let hitherto,) that I might have some fruit among you also, even as among other Gentiles.

American Standard Version (ASV)
And I would not have you ignorant, brethren, that oftentimes I purposed to come unto you (and was hindered hitherto), that I might have some fruit in you also, even as in the rest of the Gentiles.

Bible in Basic English (BBE)
You may be certain, my brothers, that it has frequently been in my mind to come to you (but till now I was kept from it), so that I might have some fruit from you in the same way as I have had it from the other nations.

Darby English Bible (DBY)
But I do not wish you to be ignorant, brethren, that I often proposed to come to you, (and have been hindered until the present time,) that I might have some fruit among you too, even as among the other nations also.

World English Bible (WEB)
Now I don't desire to have you unaware, brothers, that I often planned to come to you, and was hindered so far, that I might have some fruit among you also, even as among the rest of the Gentiles.

Young's Literal Translation (YLT)
And I do not wish you to be ignorant, brethren, that many times I did purpose to come unto you -- and was hindered till the present time -- that some fruit I might have also among you, even as also among the other nations.

Now
οὐouoo
I
would
θέλωthelōTHAY-loh
not
δὲdethay
have
you
ὑμᾶςhymasyoo-MAHS
ignorant,
ἀγνοεῖνagnoeinah-gnoh-EEN
brethren,
ἀδελφοίadelphoiah-thale-FOO
that
ὅτιhotiOH-tee
oftentimes
πολλάκιςpollakispole-LA-kees
I
purposed
προεθέμηνproethemēnproh-ay-THAY-mane
to
come
ἐλθεῖνeltheinale-THEEN
unto
πρὸςprosprose
you,
ὑμᾶςhymasyoo-MAHS
(but
καὶkaikay
let
was
ἐκωλύθηνekōlythēnay-koh-LYOO-thane
hitherto,)
ἄχριachriAH-hree

τοῦtoutoo
that
δεῦροdeuroTHAVE-roh
I
might
have
ἵναhinaEE-na
some
καρπὸνkarponkahr-PONE
fruit
τινὰtinatee-NA
among
σχῶschōskoh
you
καὶkaikay
also,
ἐνenane
even
ὑμῖνhyminyoo-MEEN
as
καθὼςkathōska-THOSE
among
καὶkaikay

ἐνenane
other
τοῖςtoistoos
Gentiles.
λοιποῖςloipoisloo-POOS
ἔθνεσινethnesinA-thnay-seen

Cross Reference

Philippians 4:17
यह नहीं कि मैं दान चाहता हूं परन्तु मैं ऐसा फल चाहता हूं, जो तुम्हारे लाभ के लिये बढ़ता जाए।

Acts 19:21
जब ये बातें हो चुकीं, तो पौलुस ने आत्मा में ठाना कि मकिदुनिया और अखाया से होकर यरूशलेम को जाऊं, और कहा, कि वहां जाने के बाद मुझे रोम को भी देखना अवश्य है।

John 4:36
और काटने वाला मजदूरी पाता, और अनन्त जीवन के लिये फल बटोरता है; ताकि बोने वाला और काटने वाला दोनों मिलकर आनन्द करें।

John 15:16
तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जाकर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

Romans 11:25
हे भाइयों, कहीं ऐसा न हो, कि तुम अपने आप को बुद्धिमान समझ लो; इसलिये मैं नहीं चाहता कि तुम इस भेद से अनजान रहो, कि जब तक अन्यजातियां पूरी रीति से प्रवेश न कर लें, तब तक इस्त्राएल का एक भाग ऐसा ही कठोर रहेगा।

1 Corinthians 10:1
हे भाइयों, मैं नहीं चाहता, कि तुम इस बात से अज्ञात रहो, कि हमारे सब बाप दादे बादल के नीचे थे, और सब के सब समुद्र के बीच से पार हो गए।

1 Corinthians 12:1
हे भाइयों, मैं नहीं चाहता कि तुम आत्मिक वरदानों के विषय में अज्ञात रहो।

2 Corinthians 1:8
हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।

Colossians 1:6
जो तुम्हारे पास पहुंचा है और जैसा जगत में भी फल लाता, और बढ़ता जाता है; अर्थात जिस दिन से तुम ने उस को सुना, और सच्चाई से परमेश्वर का अनुग्रह पहिचाना है, तुम में भी ऐसा ही करता है।

1 Thessalonians 2:18
इसलिये हम ने (अर्थात मुझ पौलुस ने) एक बार नहीं, वरन दो बार तुम्हारे पास आना चाहा, परन्तु शैतान हमें रोके रहा।

1 Thessalonians 4:13
हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं।

2 Timothy 4:17
परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ दी: ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले; और मैं तो सिंह के मुंह से छुड़ाया गया।

2 Thessalonians 2:7
क्योंकि अधर्म का भेद अब भी कार्य करता जाता है, पर अभी एक रोकने वाला है, और जब तक वह दूर न हो जाए, वह रोके रहेगा।

1 Thessalonians 2:13
इसलिये हम भी परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर करते हैं; कि जब हमारे द्वारा परमेश्वर के सुसमाचार का वचन तुम्हारे पास पहुंचा, तो तुम ने उस मनुष्यों का नहीं, परन्तु परमेश्वर का वचन समझकर (और सचमुच यह ऐसा ही है) ग्रहण किया: और वह तुम में जो विश्वास रखते हो, प्रभावशाली है।

1 Thessalonians 1:8
क्योंकि तुम्हारे यहां से न केवल मकिदुनिया और अखया में प्रभु का वचन सुनाया गया, पर तुम्हारे विश्वास की जो परमेश्वर पर है, हर जगह ऐसी चर्चा फैल गई है, कि हमें कहने की आवश्यकता ही नहीं।

John 12:24
मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है।

Acts 14:27
वहां पहुंचकर, उन्होंने कलीसिया इकट्ठी की और बताया, कि परमेश्वर ने हमारे साथ होकर कैसे बड़े बड़े काम किए! और अन्यजातियों के लिये विश्वास का द्वार खोल दिया।

Acts 15:12
तब सारी सभा चुपचाप होकर बरनबास और पौलुस की सुनने लगी, कि परमेश्वर ने उन के द्वारा अन्यजातियों में कैसे कैसे चिन्ह, और अद्भुत काम दिखाए।

Acts 16:6
और वे फ्रूगिया और गलतिया देशों में से होकर गए, और पवित्र आत्मा ने उन्हें ऐशिया में वचन सुनाने से मना किया।

Acts 21:19
तब उस ने उन्हें नमस्कार करके, जो जो काम परमेश्वर ने उस की सेवकाई के द्वारा अन्यजातियों में किए थे, एक एक करके सब बताया।

Romans 15:18
क्योंकि उन बातों को छोड़ मुझे और किसी बात के विषय में कहने का हियाव नहीं, जो मसीह ने अन्यजातियों की आधीनता के लिये वचन, और कर्म।

Romans 15:22
इसी लिये मैं तुम्हारे पास आने से बार बार रूका रहा।

1 Corinthians 9:2
यदि मैं औरों के लिये प्रेरित नहीं, तौभी तुम्हारे लिये तो हूं; क्योंकि तुम प्रभु में मेरी प्रेरिताई पर छाप हो।

2 Corinthians 1:15
और इस भरोसे से मैं चाहता था कि पहिले तुम्हारे पास आऊं; कि तुम्हें एक और दान मिले।

2 Corinthians 2:14
परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो मसीह में सदा हम को जय के उत्सव में लिये फिरता है, और अपने ज्ञान का सुगन्ध हमारे द्वारा हर जगह फैलाता है।

2 Corinthians 10:13
हम तो सीमा से बाहर घमण्ड कदापि न करेंगे, परन्तु उसी सीमा तक जो परमेश्वर ने हमारे लिये ठहरा दी है, और उस में तुम भी आ गए हो और उसी के अनुसार घमण्ड भी करेंगे।

Isaiah 27:6
भविष्य में याकूब जड़ पकड़ेगा, और इस्राएल फूले-फलेगा, और उसके फलों से जगत भर जाएगा॥