Romans 13:13
जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।
Romans 13:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
Let us walk honestly, as in the day; not in rioting and drunkenness, not in chambering and wantonness, not in strife and envying.
American Standard Version (ASV)
Let us walk becomingly, as in the day; not in revelling and drunkenness, not in chambering and wantonness, not in strife and jealousy.
Bible in Basic English (BBE)
With right behaviour as in the day; not in pleasure-making and drinking, not in bad company and unclean behaviour, not in fighting and envy.
Darby English Bible (DBY)
As in the day, let us walk becomingly; not in rioting and drunkenness, not in chambering and lasciviousness, not in strife and emulation.
World English Bible (WEB)
Let us walk properly, as in the day; not in reveling and drunkenness, not in sexual promiscuity and lustful acts, and not in strife and jealousy.
Young's Literal Translation (YLT)
as in day-time, let us walk becomingly; not in revellings and drunkennesses, not in chamberings and lasciviousnesses, not in strife and emulation;
| Let us walk | ὡς | hōs | ose |
| honestly, | ἐν | en | ane |
| as | ἡμέρᾳ | hēmera | ay-MAY-ra |
| in | εὐσχημόνως | euschēmonōs | afe-skay-MOH-nose |
| the day; | περιπατήσωμεν | peripatēsōmen | pay-ree-pa-TAY-soh-mane |
| not | μὴ | mē | may |
| in rioting | κώμοις | kōmois | KOH-moos |
| and | καὶ | kai | kay |
| drunkenness, | μέθαις | methais | MAY-thase |
| not | μὴ | mē | may |
| in chambering | κοίταις | koitais | KOO-tase |
| and | καὶ | kai | kay |
| wantonness, | ἀσελγείαις | aselgeiais | ah-sale-GEE-ase |
| not | μὴ | mē | may |
| in strife | ἔριδι | eridi | A-ree-thee |
| and | καὶ | kai | kay |
| envying. | ζήλῳ | zēlō | ZAY-loh |
Cross Reference
Galatians 5:21
डाह, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, और इन के जैसे और और काम हैं, इन के विषय में मैं तुम को पहिले से कह देता हूं जैसा पहिले कह भी चुका हूं, कि ऐसे ऐसे काम करने वाले परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे।
1 Thessalonians 4:12
कि बाहर वालों के साथ सभ्यता से बर्ताव करो, और तुम्हें किसी वस्तु की घटी न हो॥
1 Thessalonians 4:3
क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम पवित्र बनो: अर्थात व्यभिचार से बचे रहो।
Luke 21:34
इसलिये सावधान रहो, ऐसा न हो कि तुम्हारे मन खुमार और मतवालेपन, और इस जीवन की चिन्ताओं से सुस्त हो जाएं, और वह दिन तुम पर फन्दे की नाईं अचानक आ पड़े।
Ephesians 5:18
और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ।
James 4:5
क्या तुम यह समझते हो, कि पवित्र शास्त्र व्यर्थ कहता है जिस आत्मा को उस ने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है, जिस का प्रतिफल डाह हो?
1 Peter 4:3
क्योंकि अन्यजातियों की इच्छा के अनुसार काम करने, और लुचपन की बुरी अभिलाषाओं, मतवालापन, लीलाक्रीड़ा, पियक्कड़पन, और घृणित मूर्तिपूजा में जहां तक हम ने पहिले समय गंवाया, वही बहुत हुआ।
1 John 2:6
सो कोई यह कहता है, कि मैं उस में बना रहता हूं, उसे चाहिए कि आप भी वैसा ही चले जैसा वह चलता था।
2 Peter 2:18
वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फंसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।
1 Thessalonians 2:12
कि तुम्हारा चाल चलन परमेश्वर के योग्य हो, जो तुम्हें अपने राज्य और महिमा में बुलाता है॥
1 Thessalonians 5:17
निरन्तर प्रार्थना मे लगे रहो।
Colossians 3:5
इसलिये अपने उन अंगो को मार डालो, जो पृथ्वी पर हैं, अर्थात व्यभिचार, अशुद्धता, दुष्कामना, बुरी लालसा और लोभ को जो मूर्ति पूजा के बराबर है।
2 John 1:4
मैं बहुत आनन्दित हुआ, कि मैं ने तेरे कितने लड़के-बालों को उस आज्ञा के अनुसार, जो हमें पिता की ओर से मिली थी सत्य पर चलते हुए पाया।
Colossians 1:10
ताकि तुम्हारा चाल-चलन प्रभु के योग्य हो, और वह सब प्रकार से प्रसन्न हो, और तुम में हर प्रकार के भले कामों का फल लगे, और परमेश्वर की पहिचान में बढ़ते जाओ।
James 3:14
पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्ड न करना, और न तो झूठ बोलना।
1 Peter 2:1
इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके।
1 Peter 2:11
हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
2 Peter 2:13
औरों का बुरा करने के बदले उन्हीं का बुरा होगा: उन्हें दिन दोपहर सुख-विलास करना भला लगता है; यह कलंक और दोष है- जब वे तुम्हारे साथ खाते पीते हैं, तो अपनी ओर से प्रेम भोज करके भोग-विलास करते हैं।
Jude 1:23
और बहुतों को आग में से झपट कर निकालो, और बहुतों पर भय के साथ दया करो; वरन उस वस्त्र से भी घृणा करो जो शरीर के द्वारा कलंकित हो गया है॥
Luke 1:6
और वे दोनों परमेश्वर के साम्हने धर्मी थे: और प्रभु की सारी आज्ञाओं और विधियों पर निर्दोष चलने वाले थे। उन के कोई भी सन्तान न थी,
Philippians 4:8
निदान, हे भाइयों, जो जो बातें सत्य हैं, और जो जो बातें आदरणीय हैं, और जो जो बातें उचित हैं, और जो जो बातें पवित्र हैं, और जो जो बातें सुहावनी हैं, और जो जो बातें मनभावनी हैं, निदान, जो जो सदगुण और प्रशंसा की बातें हैं, उन्हीं पर ध्यान लगाया करो।
Philippians 3:16
सो जहां तक हम पहुंचे हैं, उसी के अनुसार चलें॥
1 Corinthians 6:9
क्या तुम नहीं जानते, कि अन्यायी लोग परमेश्वर के राज्य के वारिस न होंगे? धोखा न खाओ, न वेश्यागामी, न मूर्तिपूजक, न परस्त्रीगामी, न लुच्चे, न पुरूषगामी।
Acts 2:15
जैसा तुम समझ रहे हो, ये नशे में नहीं, क्योंकि अभी तो पहर ही दिन चढ़ा है।
Luke 17:27
जिस दिन तक नूह जहाज पर न चढ़ा, उस दिन तक लोग खाते-पीते थे, और उन में ब्याह-शादी होती थी; तब जल-प्रलय ने आकर उन सब को नाश किया।
Luke 16:19
एक धनवान मनुष्य था जो बैंजनी कपड़े और मलमल पहिनता और प्रति दिन सुख-विलास और धूम-धाम के साथ रहता था।
Matthew 24:48
परन्तु यदि वह दुष्ट दास सोचने लगे, कि मेरे स्वामी के आने में देर है।
Amos 6:4
तुम हाथी दांत के पलंगों पर लेटते, और अपने अपने बिछौने पर पांव फैलाए सोते हो, और भेड़-बकरियों में से मेम्ने और गौशालाओं में से बछड़े खाते हो।
Isaiah 28:7
ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मदिरा से लड़खड़ाते हैं; याजक और नबी भी मदिरा के कारण डगमगाते हैं, दाखमधु ने उन को भुला दिया है, वे मदिरा के कारण लड़खड़ाते और दर्शन पाते हुए भटक जाते, और न्याय में भूल करते हैं।
Isaiah 22:12
उस समय सेनाओं के प्रभु यहोवा ने रोने-पीटने, सिर मुंडाने और टाट पहिनने के लिये कहा था;
Galatians 5:15
पर यदि तुम एक दूसरे को दांत से काटते और फाड़ खाते हो, तो चौकस रहो, कि एक दूसरे का सत्यानाश न कर दो॥
Galatians 5:19
शरीर के काम तो प्रगट हैं, अर्थात व्यभिचार, गन्दे काम, लुचपन।
Philippians 2:3
विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
Philippians 1:27
केवल इतना करो कि तुम्हारा चाल-चलन मसीह के सुसमाचार के योग्य हो कि चाहे मैं आकर तुम्हें देखूं, चाहे न भी आऊं, तुम्हारे विषय में यह सुनूं, कि तुम एक ही आत्मा में स्थिर हो, और एक चित्त होकर सुसमाचार के विश्वास के लिये परिश्रम करते रहते हो।
Ephesians 5:15
इसलिये ध्यान से देखो, कि कैसी चाल चलते हो; निर्बुद्धियों की नाईं नहीं पर बुद्धिमानों की नाईं चलो।
Ephesians 5:8
क्योंकि तुम तो पहले अन्धकार थे परन्तु अब प्रभु में ज्योति हो, सो ज्योति की सन्तान की नाईं चलो।
Ephesians 5:2
और प्रेम में चलो; जैसे मसीह ने भी तुम से प्रेम किया; और हमारे लिये अपने आप को सुखदायक सुगन्ध के लिये परमेश्वर के आगे भेंट करके बलिदान कर दिया।
Ephesians 4:17
इसलिये मैं यह कहता हूं, और प्रभु में जताए देता हूं कि जैसे अन्यजातीय लोग अपने मन की अनर्थ की रीति पर चलते हैं, तुम अब से फिर ऐसे न चलो।
Ephesians 4:1
सो मैं जो प्रभु में बन्धुआ हूं तुम से बिनती करता हूं, कि जिस बुलाहट से तुम बुलाए गए थे, उसके योग्य चाल चलो।
Galatians 5:25
यदि हम आत्मा के द्वारा जीवित हैं, तो आत्मा के अनुसार चलें भी।
Proverbs 23:20
दाखमधु के पीने वालों में न होना, न मांस के अधिक खाने वालों की संगति करना;