Romans 3:13
उन का गला खुली हुई कब्र है: उन्होंने अपनी जीभों से छल किया है: उन के होठों में सापों का विष है।
Romans 3:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
Their throat is an open sepulchre; with their tongues they have used deceit; the poison of asps is under their lips:
American Standard Version (ASV)
Their throat is an open sepulchre; With their tongues they have used deceit: The poison of asps is under their lips:
Bible in Basic English (BBE)
Their throat is like an open place of death; with their tongues they have said what is not true: the poison of snakes is under their lips:
Darby English Bible (DBY)
their throat is an open sepulchre; with their tongues they have used deceit; asps' poison [is] under their lips:
World English Bible (WEB)
"Their throat is an open tomb. With their tongues they have used deceit." "The poison of vipers is under their lips;"
Young's Literal Translation (YLT)
A sepulchre opened `is' their throat; with their tongues they used deceit; poison of asps `is' under their lips.
| Their | τάφος | taphos | TA-fose |
| ἀνεῳγμένος | aneōgmenos | ah-nay-oge-MAY-nose | |
| throat | ὁ | ho | oh |
| is an open | λάρυγξ | larynx | LA-ryoong-ks |
| sepulchre; | αὐτῶν | autōn | af-TONE |
| with their | ταῖς | tais | tase |
| γλώσσαις | glōssais | GLOSE-sase | |
| tongues | αὐτῶν | autōn | af-TONE |
| deceit; used have they | ἐδολιοῦσαν | edoliousan | ay-thoh-lee-OO-sahn |
| the poison | ἰὸς | ios | ee-OSE |
| asps of | ἀσπίδων | aspidōn | ah-SPEE-thone |
| is under | ὑπὸ | hypo | yoo-POH |
| their | τὰ | ta | ta |
| χείλη | cheilē | HEE-lay | |
| lips: | αὐτῶν· | autōn | af-TONE |
Cross Reference
Psalm 5:9
क्योंकि उनके मुंह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं।
Psalm 140:3
उनका बोलना सांप का काटना सा है, उनके मुंह में नाग का सा विष रहता है॥
Deuteronomy 32:33
उनका दाखमधु सांपों का सा विष और काले नागों का सा हलाहल है॥
James 3:5
वैसे ही जीभ भी एक छोटा सा अंग है और बड़ी बड़ी डींगे मारती है: देखो, थोड़ी सी आग से कितने बड़े वन में आग लग जाती है।
Romans 3:4
कदापि नहीं, वरन परमेश्वर सच्चा और हर एक मनुष्य झूठा ठहरे, जैसा लिखा है, कि जिस से तू अपनी बातों में धर्मी ठहरे और न्याय करते समय तू जय पाए।
Matthew 23:27
हे कपटी शास्त्रियों, और फरीसियों, तुम पर हाय; तुम चूना फिरी हुई कब्रों के समान हो जो ऊपर से तो सुन्दर दिखाई देती हैं, परन्तु भीतर मुर्दों की हिड्डयों और सब प्रकार की मलिनता से भरी हैं।
Matthew 12:34
हे सांप के बच्चों, तुम बुरे होकर क्योंकर अच्छी बातें कह सकते हो? क्योंकि जो मन में भरा है, वही मुंह पर आता है।
Ezekiel 13:7
क्या तुम्हारा दर्शन झूठा नहीं है, और क्या तुम झूठमूठ भावी नहीं कहते? तुम कहते हो, कि यहोवा की यह वाणी है; परन्तु मैं ने कुछ नहीं कहा है।
Jeremiah 9:3
अपनी अपनी जीभ को वे धनुष की नाईं झूठ बोलने के लिये तैयार करते हैं, और देश में बलवन्त तो हो गए, परन्तु सच्चाई के लिये नहीं; वे बुराई पर बुराई बढ़ाते जाते हैं, और वे मुझ को जानते ही नहीं, यहोवा की यही वाणी है।
Isaiah 59:3
क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।
Psalm 57:4
मेरा प्राण सिंहों के बीच में है, मुझे जलते हुओं के बीच में लेटना पड़ता है, अर्थात ऐसे मनुष्यों के बीच में जिन के दांत बर्छी और तीर हैं, और जिनकी जीभ तेज तलवार है॥
Psalm 52:2
तेरी जीभ केवल दुष्टता गढ़ती है; सान धरे हुए अस्तुरे की नाईं वह छल का काम करती है।
Psalm 36:3
उसकी बातें अनर्थ और छल की हैं; उसने बुद्धि और भलाई के काम करने से हाथ उठाया है।
Psalm 12:3
प्रभु सब चापलूस ओठों को और उस जीभ को जिस से बड़ा बोल निकलता है काट डालेगा।
Jeremiah 5:16
उनका तर्कश खुली क़ब्र है और वे सब के सब शूरवीर हैं।
Job 20:14
तौभी उसका भोजन उसके पेट में पलटेगा, वह उसके अन्दर नाग का सा विष बन जाएगा।