Zechariah 14:4
और उस समय वह जलपाई के पर्वत पर पांव धरेगा, जो पूरब ओर यरूशलेम के साम्हने है; तब जलपाई का पर्वत पूरब से ले कर पच्छिम तक बीचों-बीच से फटकर बहुत बड़ा खड्ड हो जाएगा; तब आधा पर्वत उत्तर की ओर और आधा दक्खिन की ओर हट जाएगा।
And his feet | וְעָמְד֣וּ | wĕʿomdû | veh-ome-DOO |
shall stand | רַגְלָ֣יו | raglāyw | rahɡ-LAV |
in that | בַּיּוֹם | bayyôm | ba-YOME |
day | הַ֠הוּא | hahûʾ | HA-hoo |
upon | עַל | ʿal | al |
the mount | הַ֨ר | har | hahr |
of Olives, | הַזֵּיתִ֜ים | hazzêtîm | ha-zay-TEEM |
which | אֲשֶׁ֨ר | ʾăšer | uh-SHER |
is before | עַל | ʿal | al |
פְּנֵ֥י | pĕnê | peh-NAY | |
Jerusalem | יְרוּשָׁלִַם֮ | yĕrûšālaim | yeh-roo-sha-la-EEM |
on the east, | מִקֶּדֶם֒ | miqqedem | mee-keh-DEM |
and the mount | וְנִבְקַע֩ | wĕnibqaʿ | veh-neev-KA |
Olives of | הַ֨ר | har | hahr |
shall cleave | הַזֵּיתִ֤ים | hazzêtîm | ha-zay-TEEM |
in the midst | מֵֽחֶצְיוֹ֙ | mēḥeṣyô | may-hets-YOH |
east the toward thereof | מִזְרָ֣חָה | mizrāḥâ | meez-RA-ha |
and toward the west, | וָיָ֔מָּה | wāyāmmâ | va-YA-ma |
very a be shall there and | גֵּ֖יא | gêʾ | ɡay |
great | גְּדוֹלָ֣ה | gĕdôlâ | ɡeh-doh-LA |
valley; | מְאֹ֑ד | mĕʾōd | meh-ODE |
half and | וּמָ֨שׁ | ûmāš | oo-MAHSH |
of the mountain | חֲצִ֥י | ḥăṣî | huh-TSEE |
shall remove | הָהָ֛ר | hāhār | ha-HAHR |
north, the toward | צָפ֖וֹנָה | ṣāpônâ | tsa-FOH-na |
and half | וְחֶצְיוֹ | wĕḥeṣyô | veh-hets-YOH |
of it toward the south. | נֶֽגְבָּה׃ | negĕbbâ | NEH-ɡeh-ba |