Deuteronomy 10:10
“पहिला गरे झैं म पर्वतमा चालीस दिन चालीस रात बसें। त्यस समयमा परमप्रभुले पनि मेरो प्रार्थना सुन्नुभयो र तिमीहरूलाई ध्वंश नगर्ने निर्णय लिनुभयो।
And I | וְאָֽנֹכִ֞י | wĕʾānōkî | veh-ah-noh-HEE |
stayed | עָמַ֣דְתִּי | ʿāmadtî | ah-MAHD-tee |
in the mount, | בָהָ֗ר | bāhār | va-HAHR |
first the to according | כַּיָּמִים֙ | kayyāmîm | ka-ya-MEEM |
time, | הָרִ֣אשֹׁנִ֔ים | hāriʾšōnîm | ha-REE-shoh-NEEM |
forty | אַרְבָּעִ֣ים | ʾarbāʿîm | ar-ba-EEM |
days | י֔וֹם | yôm | yome |
and forty | וְאַרְבָּעִ֖ים | wĕʾarbāʿîm | veh-ar-ba-EEM |
nights; | לָ֑יְלָה | lāyĕlâ | LA-yeh-la |
Lord the and | וַיִּשְׁמַ֨ע | wayyišmaʿ | va-yeesh-MA |
hearkened | יְהוָ֜ה | yĕhwâ | yeh-VA |
unto | אֵלַ֗י | ʾēlay | ay-LAI |
me at that | גַּ֚ם | gam | ɡahm |
time | בַּפַּ֣עַם | bappaʿam | ba-PA-am |
also, | הַהִ֔וא | hahiw | ha-HEEV |
and the Lord | לֹֽא | lōʾ | loh |
would | אָבָ֥ה | ʾābâ | ah-VA |
not | יְהוָ֖ה | yĕhwâ | yeh-VA |
destroy | הַשְׁחִיתֶֽךָ׃ | hašḥîtekā | hahsh-hee-TEH-ha |