उपदेशक 4:4
मैले फेरि सोचें, ‘मानिसहरू यति कठोर परिश्रम किन गर्छन्।’ मैले बुझें मानिस सफल हुनालाई र अरूहरू भन्दा ठूलो बन्नालाई परिश्रम गरिरहन्छन्। यस्तो कोशिश यसकारण गरिन्छ कि मानिस इर्ष्यालु हुन्छन्। आफ्नोमा जति छ, अरूकोमा त्यो भन्दा धेर नहोस् भन्ने उनीहरू चाँहन्छन्। यी सब अर्थहीन कुराहरू हुन्। यो हावालाई पक्रनु जस्तो हो।
Again, I | וְרָאִ֨יתִֽי | wĕrāʾîtî | veh-ra-EE-tee |
considered | אֲנִ֜י | ʾănî | uh-NEE |
אֶת | ʾet | et | |
all | כָּל | kāl | kahl |
travail, | עָמָ֗ל | ʿāmāl | ah-MAHL |
every and | וְאֵת֙ | wĕʾēt | veh-ATE |
right | כָּל | kāl | kahl |
work, | כִּשְׁר֣וֹן | kišrôn | keesh-RONE |
that | הַֽמַּעֲשֶׂ֔ה | hammaʿăśe | ha-ma-uh-SEH |
for this | כִּ֛י | kî | kee |
man a | הִ֥יא | hîʾ | hee |
is envied | קִנְאַת | qinʾat | keen-AT |
of his neighbour. | אִ֖ישׁ | ʾîš | eesh |
This | מֵרֵעֵ֑הוּ | mērēʿēhû | may-ray-A-hoo |
also is | גַּם | gam | ɡahm |
vanity | זֶ֥ה | ze | zeh |
and vexation | הֶ֖בֶל | hebel | HEH-vel |
of spirit. | וּרְע֥וּת | ûrĕʿût | oo-reh-OOT |
רֽוּחַ׃ | rûaḥ | ROO-ak |