ଆଦି ପୁସ୍ତକ 1:8
ପରମେଶ୍ବର ସହେି ତାରଣେ ନାମ ଦେଲେ ଆକାଶ ତା'ପରେ ସଠାେ ରେ ପ୍ରଭାତ ଏବଂ ସଠାେରେ ସୁର୍ୟ୍ଯାସ୍ତ ହେଲା। ଏବଂ ଏହା ଦି୍ବତୀଯ ଦିନ ଥିଲା।
Cross Reference
भजन संहिता 35:20
क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरुद्ध छल की कल्पनाएं करते हैं।
भजन संहिता 140:5
घमण्डियों ने मेरे लिये फन्दा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फन्दे लगा रखे हैं॥
भजन संहिता 141:9
मुझे उस फन्दे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
भजन संहिता 64:2
कुकर्मियों की गोष्ठी से, और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से मेरी आड़ हो।
भजन संहिता 35:4
जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हानि की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
2 शमूएल 17:1
फिर अहीतोपेल ने अबशालोम से कहा, मुझे बारह हजार पुरुष छांटने दे, और मैं उठ कर आज ही रात को दाऊद का पीछा करूंगा।
2 शमूएल 16:7
और शिमी कोसता हुआ यों बकता गया, कि दूर हो खूनी, दूर हो ओछे, निकल जा, निकल जा!
लूका 20:19
उसी घड़ी शास्त्रियों और महायाजकों ने उसे पकड़ना चाहा, क्योंकि समझ गए, कि उस ने हम पर यह दृष्टान्त कहा, परन्तु वे लोगों से डरे।
भजन संहिता 119:110
दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
भजन संहिता 62:3
तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिलकर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
भजन संहिता 54:3
क्योंकि परदेशी मेरे विरुद्ध उठे हैं, और बलात्कारी मेरे प्राण के ग्राहक हुए हैं; उन्होंने परमेश्वर को अपने सम्मुख नहीं जाना॥
भजन संहिता 10:9
जैसा सिंह अपनी झाड़ी में वैसा ही वह भी छिपकर घात में बैठा करता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल में फंसाकर घसीट लाता है, तब उसे पकड़ लेता है।
And God | וַיִּקְרָ֧א | wayyiqrāʾ | va-yeek-RA |
called | אֱלֹהִ֛ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
the firmament | לָֽרָקִ֖יעַ | lārāqîaʿ | la-ra-KEE-ah |
Heaven. | שָׁמָ֑יִם | šāmāyim | sha-MA-yeem |
evening the And | וַֽיְהִי | wayhî | VA-hee |
and the morning | עֶ֥רֶב | ʿereb | EH-rev |
were | וַֽיְהִי | wayhî | VA-hee |
the second | בֹ֖קֶר | bōqer | VOH-ker |
day. | י֥וֹם | yôm | yome |
שֵׁנִֽי׃ | šēnî | shay-NEE |
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भजन संहिता 35:20
क्योंकि वे मेल की बातें नहीं बोलते, परन्तु देश में जो चुपचाप रहते हैं, उनके विरुद्ध छल की कल्पनाएं करते हैं।
भजन संहिता 140:5
घमण्डियों ने मेरे लिये फन्दा और पासे लगाए, और पथ के किनारे जाल बिछाया है; उन्होंने मेरे लिये फन्दे लगा रखे हैं॥
भजन संहिता 141:9
मुझे उस फन्दे से, जो उन्होंने मेरे लिये लगाया है, और अनर्थकारियों के जाल से मेरी रक्षा कर!
भजन संहिता 64:2
कुकर्मियों की गोष्ठी से, और अनर्थकारियों के हुल्लड़ से मेरी आड़ हो।
भजन संहिता 35:4
जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हानि की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
2 शमूएल 17:1
फिर अहीतोपेल ने अबशालोम से कहा, मुझे बारह हजार पुरुष छांटने दे, और मैं उठ कर आज ही रात को दाऊद का पीछा करूंगा।
2 शमूएल 16:7
और शिमी कोसता हुआ यों बकता गया, कि दूर हो खूनी, दूर हो ओछे, निकल जा, निकल जा!
लूका 20:19
उसी घड़ी शास्त्रियों और महायाजकों ने उसे पकड़ना चाहा, क्योंकि समझ गए, कि उस ने हम पर यह दृष्टान्त कहा, परन्तु वे लोगों से डरे।
भजन संहिता 119:110
दुष्टों ने मेरे लिये फन्दा लगाया है, परन्तु मैं तेरे उपदेशों के मार्ग से नहीं भटका।
भजन संहिता 62:3
तुम कब तक एक पुरूष पर धावा करते रहोगे, कि सब मिलकर उसका घात करो? वह तो झुकी हुई भीत वा गिरते हुए बाड़े के समान है।
भजन संहिता 54:3
क्योंकि परदेशी मेरे विरुद्ध उठे हैं, और बलात्कारी मेरे प्राण के ग्राहक हुए हैं; उन्होंने परमेश्वर को अपने सम्मुख नहीं जाना॥
भजन संहिता 10:9
जैसा सिंह अपनी झाड़ी में वैसा ही वह भी छिपकर घात में बैठा करता है; वह दीन को पकड़ने के लिये घात लगाए रहता है, वह दीन को अपने जाल में फंसाकर घसीट लाता है, तब उसे पकड़ लेता है।