ਯਵਾਐਲ 1:12
ਅੰਗੂਰ ਦੀ ਵਾੜੀ ਸੁੱਕਦੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਅੰਜੀਰ ਦੇ ਦ੍ਰੱਖਤ ਸੁੱਕ ਰਹੇ ਹਨ ਖੇਤ ਦੇ ਸਾਰੇ ਦ੍ਰੱਖਤ ਅਨਾਰ, ਖਜੂਰ ਅਤੇ ਸੇਬ ਸੁੱਕ ਗਏ ਹਨ। ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਚੋ ਖੁਸ਼ੀ ਨਾਂ ਦੀ ਚੀਜ਼ ਮਰ ਗਈ ਹੈ।
The vine | הַגֶּ֣פֶן | haggepen | ha-ɡEH-fen |
is dried up, | הוֹבִ֔ישָׁה | hôbîšâ | hoh-VEE-sha |
and the fig tree | וְהַתְּאֵנָ֖ה | wĕhattĕʾēnâ | veh-ha-teh-ay-NA |
languisheth; | אֻמְלָ֑לָה | ʾumlālâ | oom-LA-la |
the pomegranate tree, | רִמּ֞וֹן | rimmôn | REE-mone |
the palm tree | גַּם | gam | ɡahm |
also, | תָּמָ֣ר | tāmār | ta-MAHR |
tree, apple the and | וְתַפּ֗וּחַ | wĕtappûaḥ | veh-TA-poo-ak |
even all | כָּל | kāl | kahl |
trees the | עֲצֵ֤י | ʿăṣê | uh-TSAY |
of the field, | הַשָּׂדֶה֙ | haśśādeh | ha-sa-DEH |
withered: are | יָבֵ֔שׁוּ | yābēšû | ya-VAY-shoo |
because | כִּֽי | kî | kee |
joy | הֹבִ֥ישׁ | hōbîš | hoh-VEESH |
away withered is | שָׂשׂ֖וֹן | śāśôn | sa-SONE |
from | מִן | min | meen |
the sons | בְּנֵ֥י | bĕnê | beh-NAY |
of men. | אָדָֽם׃ | ʾādām | ah-DAHM |