Daniel 9:20
इस प्रकार मैं प्रार्थना करता, और अपने और अपने इस्राएली जाति भाइयों के पाप का अंगीकार करता हुआ, अपने परमेश्वर यहोवा के सम्मुख उसके पवित्र पर्वत के लिये गिड़गिड़ाकर बिनती करता ही था,
Daniel 9:20 in Other Translations
King James Version (KJV)
And whiles I was speaking, and praying, and confessing my sin and the sin of my people Israel, and presenting my supplication before the LORD my God for the holy mountain of my God;
American Standard Version (ASV)
And while I was speaking, and praying, and confessing my sin and the sin of my people Israel, and presenting my supplication before Jehovah my God for the holy mountain of my God;
Bible in Basic English (BBE)
And while I was still saying these words in prayer, and putting my sins and the sins of my people Israel before the Lord, and requesting grace from the Lord my God for the holy mountain of my God;
Darby English Bible (DBY)
And whilst I was speaking, and praying, and confessing my sin and the sin of my people Israel, and presenting my supplication before Jehovah my God for the holy mountain of my God;
World English Bible (WEB)
While I was speaking, and praying, and confessing my sin and the sin of my people Israel, and presenting my supplication before Yahweh my God for the holy mountain of my God;
Young's Literal Translation (YLT)
And while I am speaking, and praying, and confessing my sin, and the sin of my people Israel, and causing my supplication to fall before Jehovah my God, for the holy mount of my God,
| And whiles | וְע֨וֹד | wĕʿôd | veh-ODE |
| I | אֲנִ֤י | ʾănî | uh-NEE |
| was speaking, | מְדַבֵּר֙ | mĕdabbēr | meh-da-BARE |
| and praying, | וּמִתְפַּלֵּ֔ל | ûmitpallēl | oo-meet-pa-LALE |
| confessing and | וּמִתְוַדֶּה֙ | ûmitwaddeh | oo-meet-va-DEH |
| my sin | חַטָּאתִ֔י | ḥaṭṭāʾtî | ha-ta-TEE |
| and the sin | וְחַטַּ֖את | wĕḥaṭṭat | veh-ha-TAHT |
| of my people | עַמִּ֣י | ʿammî | ah-MEE |
| Israel, | יִשְׂרָאֵ֑ל | yiśrāʾēl | yees-ra-ALE |
| and presenting | וּמַפִּ֣יל | ûmappîl | oo-ma-PEEL |
| my supplication | תְּחִנָּתִ֗י | tĕḥinnātî | teh-hee-na-TEE |
| before | לִפְנֵי֙ | lipnēy | leef-NAY |
| the Lord | יְהוָ֣ה | yĕhwâ | yeh-VA |
| God my | אֱלֹהַ֔י | ʾĕlōhay | ay-loh-HAI |
| for | עַ֖ל | ʿal | al |
| the holy | הַר | har | hahr |
| mountain | קֹ֥דֶשׁ | qōdeš | KOH-desh |
| of my God; | אֱלֹהָֽי׃ | ʾĕlōhāy | ay-loh-HAI |
Cross Reference
Isaiah 58:9
तब तू पुकारेगा और यहोवा उत्तर देगा; तू दोहाई देगा और वह कहेगा, मैं यहां हूं। यदि तू अन्धेर करना और उंगली मटकाना, और, दुष्ट बातें बोलना छोड़ दे,
Psalm 145:18
जितने यहोवा को पुकारते हैं, अर्थात जितने उसको सच्चाई से पुकारते हें; उन सभों के वह निकट रहता है।
Daniel 9:16
हे प्रभु, हमारे पापों और हमारे पुरखाओं के अधर्म के कामों के कारण यरूशलेम की और तेरी प्रजा की, और हमारे आस पास के सब लोगों की ओर से नामधराई हो रही है; तौभी तू अपने सब धर्म के कामों के कारण अपना क्रोध और जलजलाहट अपने नगर यरूशलेम पर से उतार दे, जो तेरे पवित्र पर्वत पर बसा है।
Isaiah 65:24
उनके पुकारने से पहिले ही मैं उन को उत्तर दूंगा, और उनके मांगते ही मैं उनकी सुन लूंगा।
Isaiah 6:5
तब मैं ने कहा, हाय! हाय! मैं नाश हूआ; क्योंकि मैं अशुद्ध होंठ वाला मनुष्य हूं, और अशुद्ध होंठ वाले मनुष्यों के बीच में रहता हूं; क्योंकि मैं ने सेनाओं के यहोवा महाराजाधिराज को अपनी आंखों से देखा है!
James 3:2
इसलिये कि हम सब बहुत बार चूक जाते हैं: जो कोई वचन में नहीं चूकता, वही तो सिद्ध मनुष्य है; और सारी देह पर भी लगाम लगा सकता है।
1 John 1:8
यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं।
Revelation 21:2
फिर मैं ने पवित्र नगर नये यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते देखा, और वह उस दुल्हिन के समान थी, जो अपने पति के लिये सिंगार किए हो।
Revelation 21:10
और वह मुझे आत्मा में, एक बड़े और ऊंचे पहाड़ पर ले गया, और पवित्र नगर यरूशलेम को स्वर्ग पर से परमेश्वर के पास से उतरते दिखाया।
Romans 3:23
इसलिये कि सब ने पाप किया है और परमेश्वर की महिमा से रहित हैं।
Acts 10:30
कुरनेलियुस ने कहा; कि इस घड़ी पूरे चार दिन हुए, कि मैं अपने घर में तीसरे पहर को प्रार्थना कर रहा था; कि देखो, एक पुरूष चमकीला वस्त्र पहिने हुए, मेरे साम्हने आ खड़ा हुआ।
Psalm 137:5
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे भूल जाऊं, तो मेरा दहिना हाथ झूठा हो जाए!
Ecclesiastes 7:20
नि:सन्देह पृथ्वी पर कोई ऐसा धर्मी मनुष्य नहीं जो भलाई ही करे और जिस से पाप न हुआ हो॥
Isaiah 56:7
उन को मैं अपने पवित्र पर्वत पर ले आकर अपने प्रार्थना के भवन में आनन्दित करूंगा; उनके होमबलि और मेलबलि मेरी वेदी पर ग्रहण किए जाएंगे; क्योंकि मेरा भवन सब देशों के लोगों के लिये प्रार्थना का घर कहलाएगा।
Isaiah 62:6
हे यरूशलेम, मैं ने तेरी शहरपनाह पर पहरूए बैठाए हैं; वे दिन-रात कभी चुप न रहेंगे। हे यहोवा को स्मरण करने वालो, चुप न रहो,
Daniel 9:3
तब मैं अपना मुख परमेश्वर की ओर कर के गिड़गिड़ाहट के साथ प्रार्थना करने लगा, और उपवास कर, टाट पहिन, राख में बैठ कर वरदान मांगने लगा।
Daniel 10:2
उन दिनों मैं, दानिय्येल, तीन सप्ताह तक शोक करता रहा।
Zechariah 8:3
यहोवा यों कहता है, मैं सिय्योन में लौट आया हूं, और यरूशेलम के बीच में वास किए रहूंगा, और यरूशलेम की सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
Acts 4:31
जब वे प्रार्थना कर चुके, तो वह स्थान जहां वे इकट्ठे थे हिल गया, और वे सब पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गए, और परमेश्वर का वचन हियाव से सुनाते रहे॥
Psalm 32:5
जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया॥