2 इतिहास 36:16
परन्तु वे परमेश्वर के दूतों को ठट्ठों में उड़ाते, उस के वचनों को तुच्छ जानते, और उसके नबियों की हंसी करते थे। निदान यहोवा अपनी प्रजा पर ऐसा झुंझला उठा, कि बचने का कोई उपाय न रहा।
But they mocked | וַיִּֽהְי֤וּ | wayyihĕyû | va-yee-heh-YOO |
מַלְעִבִים֙ | malʿibîm | mahl-ee-VEEM | |
the messengers | בְּמַלְאֲכֵ֣י | bĕmalʾăkê | beh-mahl-uh-HAY |
God, of | הָֽאֱלֹהִ֔ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
and despised | וּבוֹזִ֣ים | ûbôzîm | oo-voh-ZEEM |
his words, | דְּבָרָ֔יו | dĕbārāyw | deh-va-RAV |
and misused | וּמִֽתַּעְתְּעִ֖ים | ûmittaʿtĕʿîm | oo-mee-ta-teh-EEM |
prophets, his | בִּנְבִאָ֑יו | binbiʾāyw | been-vee-AV |
until | עַ֠ד | ʿad | ad |
the wrath | עֲל֧וֹת | ʿălôt | uh-LOTE |
of the Lord | חֲמַת | ḥămat | huh-MAHT |
arose | יְהוָ֛ה | yĕhwâ | yeh-VA |
people, his against | בְּעַמּ֖וֹ | bĕʿammô | beh-AH-moh |
till | עַד | ʿad | ad |
there was no | לְאֵ֥ין | lĕʾên | leh-ANE |
remedy. | מַרְפֵּֽא׃ | marpēʾ | mahr-PAY |