Ezekiel 17:15
तौभी इस ने घोड़े और बड़ी सेना मांगने को अपने दूत मिस्र में भेज कर उस से बलवा किया। क्या वह फूले फलेगा? क्या ऐसे कामों का करने वाला बचेगा? क्या वह अपनी वाचा तोड़ने पर भी बच जाएगा?
Ezekiel 17:15 in Other Translations
King James Version (KJV)
But he rebelled against him in sending his ambassadors into Egypt, that they might give him horses and much people. Shall he prosper? shall he escape that doeth such things? or shall he break the covenant, and be delivered?
American Standard Version (ASV)
But he rebelled against him in sending his ambassadors into Egypt, that they might give him horses and much people. Shall he prosper? shall he escape that doeth such things? shall he break the covenant, and yet escape?
Bible in Basic English (BBE)
But he went against his authority in sending representatives to Egypt to get from them horses and a great army. Will he do well? will he be safe who does such things? if the agreement is broken will he be safe?
Darby English Bible (DBY)
But he rebelled against him in sending his ambassadors into Egypt, that they might give him horses and much people. Shall he prosper? shall he escape that doeth such things? shall he break the covenant, and yet escape?
World English Bible (WEB)
But he rebelled against him in sending his ambassadors into Egypt, that they might give him horses and much people. Shall he prosper? shall he escape who does such things? shall he break the covenant, and yet escape?
Young's Literal Translation (YLT)
And he rebelleth against him, To send his messengers to Egypt, To give to him horses, and much people, Doth he prosper? doth he escape who is doing these things? And hath he broken covenant and escaped?
| But he rebelled | וַיִּמְרָד | wayyimrād | va-yeem-RAHD |
| sending in him against | בּ֗וֹ | bô | boh |
| his ambassadors | לִשְׁלֹ֤חַ | lišlōaḥ | leesh-LOH-ak |
| Egypt, into | מַלְאָכָיו֙ | malʾākāyw | mahl-ah-hav |
| that they might give | מִצְרַ֔יִם | miṣrayim | meets-RA-yeem |
| him horses | לָֽתֶת | lātet | LA-tet |
| and much | ל֥וֹ | lô | loh |
| people. | סוּסִ֖ים | sûsîm | soo-SEEM |
| Shall he prosper? | וְעַם | wĕʿam | veh-AM |
| escape he shall | רָ֑ב | rāb | rahv |
| that doeth | הֲיִצְלָ֤ח | hăyiṣlāḥ | huh-yeets-LAHK |
| such | הֲיִמָּלֵט֙ | hăyimmālēṭ | huh-yee-ma-LATE |
| break he shall or things? | הָעֹשֵׂ֣ה | hāʿōśē | ha-oh-SAY |
| the covenant, | אֵ֔לֶּה | ʾēlle | A-leh |
| and be delivered? | וְהֵפֵ֥ר | wĕhēpēr | veh-hay-FARE |
| בְּרִ֖ית | bĕrît | beh-REET | |
| וְנִמְלָֽט׃ | wĕnimlāṭ | veh-neem-LAHT |
Cross Reference
यहेजकेल 17:7
फिर और एक लम्बे पंख वाला और परों से भरा हुआ बड़ा उकाब पक्षी था; और वह अंगूर की लता उस स्थान से जहां वह लगाई गई थी, उस दूसरे उकाब की ओर अपनी सोर फैलाने और अपनी डालियां झुकाने लगी कि वह उसे खींचा करे।
व्यवस्थाविवरण 17:16
और वह बहुत घोड़े न रखे, और न इस मनसा से अपनी प्रजा के लोगों को मिस्र में भेजे कि उसके पास बहुत से घोड़े हो जाएं, क्योंकि यहोवा ने तुम से कहा है, कि तुम उस मार्ग से फिर कभी न लौटना।
2 राजा 24:20
क्योंकि यहोवा के कोप के कारण यरूशलेम और यहूदा को ऐसी दशा हुई, कि अन्त में उसने उन को अपने साम्हने से दूर किया।
2 इतिहास 36:13
फिर नबूकदनेस्सर जिसने उसे परमेश्वर की शपथ खिलाई थी, उस से उस ने बलवा किया, और उस ने हठ किया और अपना मन कठोर किया, कि वह इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की ओर न फिरे।
यिर्मयाह 34:3
और तू उसके हाथ से न बचेगा, निश्चय पकड़ा जाएगा और उसके वश में कर दिया जाएगा; और तेरी आंखें बाबुल के राजा को देखेंगी, और तुम आम्हने-साम्हने बातें करोगे; और तू बाबुल को जाएगा।
यिर्मयाह 38:18
परन्तु, यदि तू बाबुल के राजा के हाकिमों के पास न निकल जाए, तो यह नगर कसदियों के वश में कर दिया जाएगा, ओर वे इसे फूंक देंगे, और तू उनके हाथ से बच न सकेगा।
यिर्मयाह 52:3
निश्चय यहोवा के कोप के कारण यरूशलेम और यहूदा की ऐसी दशा हुई कि अन्त में उसने उन को अपने साम्हने से दूर कर दिया। और सिदकिय्याह ने बाबुल के राजा से बलवा किया।
यहेजकेल 17:18
क्योंकि उस ने शपथ को तुच्छ जाना, और वाचा को तोड़ा; देखो, उसने वचन देने पर भी ऐसे ऐसे काम किए हैं, सो वह बचने न पाएगा।
यहेजकेल 17:9
सो तू यह कह, कि प्रभु यहोवा यों पूछता है, क्या वह फूले फलेगी? क्या वह उसको जड़ से न उखाड़ेगा, और उसके फलों को न झाड़ डालेगा कि वह अपनी सब हरी नई पत्तियों समेत सूख जाए? इसे जड़ से उखाड़ने के लिये अधिक बल और बहुत से मनुष्यों की आवश्यकता न होगी।
यिर्मयाह 38:23
तेरी सब स्त्रियां और लड़के-बाले कसदियों के पास निकाल कर पहुंचाए जाएंगे; और तू भी कसदियों के हाथ से न बचेगा, वरन तू पकड़ कर बाबुल के राजा के वश में कर दिया जाएगा ओर इस नगर के फूंके जाने का कारण तू ही होगा।
यिर्मयाह 37:5
उस समय फिरौन की सेना चढ़ाई के लिये मिस्र से निकली; तब कसदी जो यरूशलेम को घेरे हुए थे, उसका समाचार सुनकर यरूश्लेम के पास से चले गए।
इब्रानियों 2:3
तो हम लोग ऐसे बड़े उद्धार से निश्चिन्त रह कर क्योंकर बच सकते हैं? जिस की चर्चा पहिले पहिल प्रभु के द्वारा हुई, और सुनने वालों के द्वारा हमें निश्चय हुआ।
भजन संहिता 55:23
परन्तु हे परमेश्वर, तू उन लोगों को विनाश के गड़हे में गिरा देगा; हत्यारे और छली मनुष्य अपनी आधी आयु तक भी जीवित न रहेंगे। परन्तु मैं तुझ पर भरोसा रखे रहूंगा॥
नीतिवचन 19:5
झूठा साक्षी निर्दोष नहीं ठहरता, और जो झूठ बोला करता है, वह न बचेगा।
यशायाह 30:1
यहोवा की यह वाणी है, हाय उन बलवा करने वाले लड़कों पर जो युक्ति तो करते परन्तु मेरी ओर से नहीं; वाचा तो बान्धते परन्तु मेरे आत्मा के सिखाये नहीं; और इस प्रकार पाप पर पाप बढ़ाते हैं।
यशायाह 31:1
हाय उन पर जो सहायता पाने के लिये मिस्र को जाते हैं और घोड़ों का आसरा करते हैं; जो रथों पर भरोसा रखते क्योंकि वे बहुत हैं, और सवारों पर, क्योंकि वे अति बलवान हैं, पर इस्राएल के पवित्र की ओर दृष्टि नहीं करते और न यहोवा की खोज करते हैं!
यशायाह 36:6
सुन, तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात मिस्र पर भरोसा रखता है; उस पर यदि कोई टेक लगाए तो वह उसके हाथ में चुभकर छेद कर देगा। मिस्र का राजा फिरौन उन सब के साथ ऐसा ही करता है जो उस पर भरोसा रखते हैं।
यिर्मयाह 22:29
हे पृथ्वी, पृथ्वी, हे पृथ्वी, यहोवा का वचन सुन!
यिर्मयाह 32:4
और यहूदा का राजा सिदकिय्याह कसदियों के हाथ से न बचेगा परन्तु वह बाबुल के राजा के वश में अवश्य ही पड़ेगा, और वह और बाबुल का राजा आपस में आम्हने-साम्हने बातें करेंगे; और अपनी अपनी आंखों से एक दूसरे को देखेंगे।
यहेजकेल 21:25
और हे इस्राएल दुष्ट प्रधान, तेरा दिन आ गया है; अधर्म के अन्त का समय पहुंच गया है।
मत्ती 23:33
हे सांपो, हे करैतों के बच्चों, तुम नरक के दण्ड से क्योंकर बचोगे?
व्यवस्थाविवरण 29:12
कि जो वाचा तेरा परमेश्वर यहोवा आज तुझ से बान्धता है, और जो शपथ वह आज तुझ को खिलाता है, उस में तू साझी हो जाए;