Genesis 35:3
और आओ, हम यहां से कूच करके बेतेल को जाएं; वहां मैं ईश्वर के लिये एक वेदी बनाऊंगा, जिसने संकट के दिन मेरी सुन ली, और जिस मार्ग से मैं चलता था, उस में मेरे संग रहा।
Genesis 35:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
And let us arise, and go up to Bethel; and I will make there an altar unto God, who answered me in the day of my distress, and was with me in the way which I went.
American Standard Version (ASV)
and let us arise, and go up to Beth-el; and I will make there an altar unto God, who answered me in the day of my distress, and was with me in the way which I went.
Bible in Basic English (BBE)
And let us go up to Beth-el: and there I will make an altar to God, who gave me an answer in the day of my trouble, and was with me wherever I went.
Darby English Bible (DBY)
and we will arise, and go up to Bethel; and I will make there an altar to the ùGod that answered me in the day of my distress, and was with me in the way that I went.
Webster's Bible (WBT)
And let us arise, and go up to Beth-el; and I will make there an altar to God, who answered me in the day of my distress, and was with me in the way which I went.
World English Bible (WEB)
Let us arise, and go up to Bethel. I will make there an altar to God, who answered me in the day of my distress, and was with me in the way which I went."
Young's Literal Translation (YLT)
and we rise, and go up to Bethel, and I make there an altar to God, who is answering me in the day of my distress, and is with me in the way that I have gone.'
| And let us arise, | וְנָק֥וּמָה | wĕnāqûmâ | veh-na-KOO-ma |
| up go and | וְנַֽעֲלֶ֖ה | wĕnaʿăle | veh-na-uh-LEH |
| to Beth-el; | בֵּֽית | bêt | bate |
| make will I and | אֵ֑ל | ʾēl | ale |
| there | וְאֶֽעֱשֶׂה | wĕʾeʿĕśe | veh-EH-ay-seh |
| an altar | שָּׁ֣ם | šām | shahm |
| unto God, | מִזְבֵּ֗חַ | mizbēaḥ | meez-BAY-ak |
| answered who | לָאֵ֞ל | lāʾēl | la-ALE |
| me in the day | הָֽעֹנֶ֤ה | hāʿōne | ha-oh-NEH |
| of my distress, | אֹתִי֙ | ʾōtiy | oh-TEE |
| was and | בְּי֣וֹם | bĕyôm | beh-YOME |
| with me in the way | צָֽרָתִ֔י | ṣārātî | tsa-ra-TEE |
| which | וַֽיְהִי֙ | wayhiy | va-HEE |
| I went. | עִמָּדִ֔י | ʿimmādî | ee-ma-DEE |
| בַּדֶּ֖רֶךְ | badderek | ba-DEH-rek | |
| אֲשֶׁ֥ר | ʾăšer | uh-SHER | |
| הָלָֽכְתִּי׃ | hālākĕttî | ha-LA-heh-tee |
Cross Reference
उत्पत्ति 31:3
तब यहोवा ने याकूब से कहा, अपने पितरों के देश और अपनी जन्मभूमि को लौट जा, और मैं तेरे संग रहूंगा।
उत्पत्ति 32:7
तब याकूब निपट डर गया, और संकट में पड़ा: और यह सोच कर, अपने संग वालों के, और भेड़-बकरियों, और गाय-बैलों, और ऊंटो के भी अलग अलग दो दल कर लिये,
उत्पत्ति 31:42
मेरे पिता का परमेश्वर अर्थात इब्राहीम का परमेश्वर, जिसका भय इसहाक भी मानता है, यदि मेरी ओर न होता, तो निश्चय तू अब मुझे छूछे हाथ जाने देता। मेरे दु:ख और मेरे हाथों के परिश्रम को देखकर परमेश्वर ने बीती हुई रात में तुझे डपटा।
भजन संहिता 107:6
तब उन्होंने संकट में यहोवा की दोहाई दी, और उसने उन को सकेती से छुड़ाया;
उत्पत्ति 32:24
और याकूब आप अकेला रह गया; तब कोई पुरूष आकर पह फटने तक उससे मल्लयुद्ध करता रहा।
भजन संहिता 118:19
मेरे लिये धर्म के द्वार खोलो, मैं उन से प्रवेश करके याह का धन्यवाद करूंगा॥
नीतिवचन 3:6
उसी को स्मरण करके सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा।
यशायाह 30:19
हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा।
यशायाह 43:2
जब तू जल में हो कर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में हो कर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी।
भजन संहिता 116:16
हे यहोवा, सुन, मैं तो तेरा दास हूं; मैं तेरा दास, और तेरी दासी का पुत्र हूं। तू ने मेरे बन्धन खोल दिए हैं।
भजन संहिता 116:1
मैं प्रेम रखता हूं, इसलिये कि यहोवा ने मेरे गिड़गिड़ाने को सुना है।
उत्पत्ति 28:15
और सुन, मैं तेरे संग रहूंगा, और जहां कहीं तू जाए वहां तेरी रक्षा करूंगा, और तुझे इस देश में लौटा ले आऊंगा: मैं अपने कहे हुए को जब तक पूरा न कर लूं तब तक तुझ को न छोडूंगा।
उत्पत्ति 28:20
और याकूब ने यह मन्नत मानी, कि यदि परमेश्वर मेरे संग रहकर इस यात्रा में मेरी रक्षा करे, और मुझे खाने के लिये रोटी, और पहिनने के लिये कपड़ा दे,
भजन संहिता 46:1
परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।
भजन संहिता 50:15
और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा॥
भजन संहिता 66:13
मैं होमबलि लेकर तेरे भवन में आऊंगा मैं उन मन्नतों को तेरे लिये पूरी करूंगा,
भजन संहिता 91:15
जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।
भजन संहिता 103:1
हे मेरे मन, यहोवा को धन्य कह; और जो कुछ मुझ में है, वह उसके पवित्र नाम को धन्य कहे!
भजन संहिता 107:8
लोग यहोवा की करूणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण, जो वह मनुष्यों के लिये करता है, उसका धन्यवाद करें!
उत्पत्ति 28:12
तब उसने स्वप्न में क्या देखा, कि एक सीढ़ी पृथ्वी पर खड़ी है, और उसका सिरा स्वर्ग तक पहुंचा है: और परमेश्वर के दूत उस पर से चढ़ते उतरते हैं।