Isaiah 10:12
इस कारण जब प्रभु सिय्योन पर्वत पर और यरूशलेम में अपना सब काम कर चुकेगा, तब मैं अश्शूर के राजा के गर्व की बातों का, और उसकी घमण्ड भरी आंखों का पलटा दूंगा।
Isaiah 10:12 in Other Translations
King James Version (KJV)
Wherefore it shall come to pass, that when the Lord hath performed his whole work upon mount Zion and on Jerusalem, I will punish the fruit of the stout heart of the king of Assyria, and the glory of his high looks.
American Standard Version (ASV)
Wherefore it shall come to pass, that, when the Lord hath performed his whole work upon mount Zion and on Jerusalem, I will punish the fruit of the stout heart of the king of Assyria, and the glory of his high looks.
Bible in Basic English (BBE)
For this cause it will be that, when the purpose of the Lord against Mount Zion and Jerusalem is complete, I will send punishment on the pride of the heart of the king of Assyria, and on the glory of his uplifted eyes.
Darby English Bible (DBY)
And it shall come to pass, when the Lord hath performed his whole work upon mount Zion and upon Jerusalem, I will punish the fruit of the stoutness of heart of the king of Assyria, and the glory of his high looks.
World English Bible (WEB)
Therefore it shall happen that, when the Lord has performed his whole work on Mount Zion and on Jerusalem, I will punish the fruit of the stout heart of the king of Assyria, and the glory of his high looks.
Young's Literal Translation (YLT)
And it hath come to pass, When the Lord doth fulfil all His work In mount Zion and in Jerusalem, I see concerning the fruit of the greatness Of the heart of the king of Asshur. And concerning the glory of the height of his eyes.
| Wherefore pass, to come shall it | וְהָיָ֗ה | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| that when | כִּֽי | kî | kee |
| the Lord | יְבַצַּ֤ע | yĕbaṣṣaʿ | yeh-va-TSA |
| performed hath | אֲדֹנָי֙ | ʾădōnāy | uh-doh-NA |
| his | אֶת | ʾet | et |
| whole | כָּל | kāl | kahl |
| work | מַֽעֲשֵׂ֔הוּ | maʿăśēhû | ma-uh-SAY-hoo |
| mount upon | בְּהַ֥ר | bĕhar | beh-HAHR |
| Zion | צִיּ֖וֹן | ṣiyyôn | TSEE-yone |
| and on Jerusalem, | וּבִירוּשָׁלִָ֑ם | ûbîrûšālāim | oo-vee-roo-sha-la-EEM |
| punish will I | אֶפְקֹ֗ד | ʾepqōd | ef-KODE |
| עַל | ʿal | al | |
| the fruit | פְּרִי | pĕrî | peh-REE |
| of the stout | גֹ֙דֶל֙ | gōdel | ɡOH-DEL |
| heart | לְבַ֣ב | lĕbab | leh-VAHV |
| king the of | מֶֽלֶךְ | melek | MEH-lek |
| of Assyria, | אַשּׁ֔וּר | ʾaššûr | AH-shoor |
| and | וְעַל | wĕʿal | veh-AL |
| glory the | תִּפְאֶ֖רֶת | tipʾeret | teef-EH-ret |
| of his high | ר֥וּם | rûm | room |
| looks. | עֵינָֽיו׃ | ʿênāyw | ay-NAIV |
Cross Reference
यिर्मयाह 50:18
इस कारण इस्राएल का परमेश्वर, सेनाओं का यहोवा यों कहता है, देखो, जैसे मैं ने अश्शूर के राजा को दण्ड दिया था, वैसे ही अब देश समेत बाबुल के राजा को दण्ड दूंगा।
2 राजा 19:31
क्योंकि यरूशलेम में से बचे हुए और सिय्योन पर्वत के भागे हुए लोग निकलेंगे। यहोवा यह काम अपनी जलन के कारण करेगा।
यशायाह 30:30
और यहोवा अपनी प्रतापीवाणी सुनाएगा, और अपना क्रोध भड़काता और आग की लौ से भस्म करता हुआ, और प्रचण्ड आन्धी और अति वर्षा और ओलों के साथ अपना भुजबल दिखाएगा।
यशायाह 31:5
पंख फैलाई हुई चिडिय़ों की नाईं सेनाओं का यहोवा यरूशलेम की रक्षा करेगा; वह उसकी रक्षा कर के बचाएगा, और उसको बिन छूए ही उद्धार करेगा॥
यशायाह 37:36
तब यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब क्या देखा कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं।
यशायाह 46:10
मैं तो अन्त की बात आदि से और प्राचीनकाल से उस बात को बताता आया हूं जो अब तक नहीं हुई। मैं कहता हूं, मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूंगा।
यशायाह 50:11
देखो, तुम सब जो आग जलाते और अग्निबाणों को कमर में बान्धते हो! तुम सब अपनी जलाई हुई आग में और अपने जलाए हुए अग्निबाणों के बीच आप ही चलो। तुम्हारी यह दशा मेरी ही ओर से होगी, तुम सन्ताप में पड़े रहोगे॥
यशायाह 65:7
क्योंकि उन्होंने पहाड़ों पर धूप जलाया और पहाडिय़ों पर मेरी निन्दा की है, इसलिये मैं यहोवा कहता हूं, कि, उनके पिछले कामों के बदले को मैं इनकी गोद में तौल कर दूंगा॥
यहेजकेल 31:10
इस कारण परमेश्वर यहोवा ने यों कहा है, उसकी ऊंचाई जो बढ़ गई, और उसकी फुनगी जो बादलों तक पहुंची है, और अपनी ऊंचाई के कारण उसका मन जो फूल उठा है,
यहेजकेल 31:14
यह इसलिये हुआ है कि जल के पास के सब वृक्षों में से कोई अपनी ऊंचाई न बढ़ाए, न अपनी फुनगी को बादलों तक पहुंचाए, और उन में से जितने जल पाकर दृढ़ हो गए हैं वे ऊंचे होने के कारण सिर न उठाएं; क्योंकि वे भी सब के सब कबर में गड़े हुए मनुष्यों के समान मृत्यु के वश कर के अधोलोक में डाल दिए जाएंगे।
दानिय्येल 4:37
अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूं, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूं क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है॥
मत्ती 12:33
यदि पेड़ को अच्छा कहो, तो उसके फल को भी अच्छा कहो; या पेड़ को निकम्मा कहो, तो उसके फल को भी निक्कमा कहो; क्योंकि पेड़ फल ही से पहचाना जाता है।
मत्ती 15:19
क्योंकि कुचिन्ता, हत्या, पर स्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा मन ही से निकलतीं है।
1 पतरस 4:17
क्योंकि वह समय आ पहुंचा है, कि पहिले परमेश्वर के लोगों का न्याय किया जाए, और जब कि न्याय का आरम्भ हम ही से होगा तो उन का क्या अन्त होगा जो परमेश्वर के सुसमाचार को नहीं मानते?
यशायाह 29:7
और जातियों की सारी भीड़ जो अरीएल से युद्ध करेगी, ओर जितने लोग उसके और उसके गढ़ के विरुद्ध लड़ेंगे और उसको सकेती में डालेंगे, वे सब रात के देखे हुए स्वप्न के समान ठहरेंगे।
यशायाह 28:21
क्योंकि यहोवा ऐसा उठ खड़ा होगा जैसा वह पराजीम नाम पर्वत पर खड़ा हुआ और जैसा गिबोन की तराई में उसने क्रोध दिखाया था; वह अब फिर क्रोध दिखाएगा, जिस से वह अपना काम करे, जो अचम्भित काम है, और वह कार्य करे जो अनोखा है।
भजन संहिता 18:27
क्योंकि तू दीन लोगों को तो बचाता है; परन्तु घमण्ड भरी आंखों को नीची करता है।
भजन संहिता 21:10
तू उनके फलों को पृथ्वी पर से, और उनके वंश को मनुष्यों में से नष्ट करेगा।
भजन संहिता 76:10
निश्चय मनुष्य की जलजलाहट तेरी स्तुति का कारण हो जाएगी, और जो जलजलाहट रह जाए, उसको तू रोकेगा।
नीतिवचन 30:13
एक पीढ़ी के लोग ऐसे हैं उनकी दृष्टि क्या ही घमण्ड से भरी रहती है, और उनकी आंखें कैसी चढ़ी हुई रहती हैं।
यशायाह 2:11
क्योंकि आदमियों की घमण्ड भरी आंखें नीची की जाएंगी और मनुष्यों का घमण्ड दूर किया जाएगा; और उस दिन केवल यहोवा ही ऊंचे पर विराजमान रहेगा॥
यशायाह 5:15
साधारण मनुष्य दबाए जाते और बड़े मनुष्य नीचे किए जाते हैं, और अभिमानियों की आंखें नीची की जाती हैं।
यशायाह 9:9
और सारी प्रजा को, एप्रैमियों और शोमरोनवासियों मालूम हो जाएगा जो गर्व और कठोरता से बोलते हैं: ईंटें तो गिर गई हैं,
यशायाह 10:5
अश्शूर पर हाय, जो मेरे क्रोध का लठ और मेरे हाथ में का सोंटा है! वह मेरा क्रोध है।
यशायाह 10:16
इस कारण प्रभु अर्थात सेनाओं का प्रभु उस राजा के हृष्टपुष्ट योद्धाओं को दुबला कर देगा, और उसके ऐश्वर्य के नीचे आग की सी जलन होगी।
यशायाह 10:25
क्योंकि अब थोड़ी ही देर है कि मेरी जलन और क्रोध उनका सत्यानाश कर के शान्त होगा
यशायाह 14:24
सेनाओं के यहोवा ने यह शपथ खाई है, नि:सन्देह जैसा मैं ने ठाना है, वैसा ही हो जाएगा, और जैसी मैं ने युक्ति की है, वैसी ही पूरी होगी,
यशायाह 17:12
हाय, हाय! देश देश के बहुत से लोगों का कैसा नाद हो रहा है, वे समुद्र की लहरों की नाईं गरजते हैं। राज्य राज्य के लोगों का कैसा गर्जन हो रहा है, वे प्रचण्ड धारा के समान नाद करते हैं!
यशायाह 27:9
इस से याकूब के अधर्म का प्रायश्चित किया जाएगा और उसके पाप के दूर होने का प्रतिफल यह होगा कि वे वेदी के सब पत्थरों को चूना बनाने के पत्थरों के समान चकनाचूर करेंगे, और अशेरा और सूर्य की प्रतिमाएं फिर खड़ी न रहेंगी।
अय्यूब 40:11
अपने अति क्रोध की बाढ़ को बहा दे, और एक एक घमण्डी को देखते ही उसे नीचा कर।