यशायाह 29:11
इसलिये सारे दर्शन तुम्हारे लिये एक लपेटी और मुहर की हुई पुस्तक की बातों के समान हैं, जिसे कोई पड़े-लिखे मनुष्य को यह कहकर दे, इसे पढ़, और वह कहे, मैं नहीं पढ़ सकता क्योंकि इस पर मुहर की हुई है।
And the vision | וַתְּהִ֨י | wattĕhî | va-teh-HEE |
of all | לָכֶ֜ם | lākem | la-HEM |
is become | חָז֣וּת | ḥāzût | ha-ZOOT |
words the as you unto | הַכֹּ֗ל | hakkōl | ha-KOLE |
of a book | כְּדִבְרֵי֮ | kĕdibrēy | keh-deev-RAY |
sealed, is that | הַסֵּ֣פֶר | hassēper | ha-SAY-fer |
which | הֶֽחָתוּם֒ | heḥātûm | heh-ha-TOOM |
men deliver | אֲשֶֽׁר | ʾăšer | uh-SHER |
to | יִתְּנ֣וּ | yittĕnû | yee-teh-NOO |
one that is learned, | אֹת֗וֹ | ʾōtô | oh-TOH |
אֶל | ʾel | el | |
saying, | יוֹדֵ֥עַ | yôdēaʿ | yoh-DAY-ah |
Read | הסֵ֛פֶר | hsēper | HSAY-fer |
this, | לֵאמֹ֖ר | lēʾmōr | lay-MORE |
thee: pray I | קְרָ֣א | qĕrāʾ | keh-RA |
and he saith, | נָא | nāʾ | na |
cannot; I | זֶ֑ה | ze | zeh |
וְאָמַר֙ | wĕʾāmar | veh-ah-MAHR | |
for | לֹ֣א | lōʾ | loh |
it | אוּכַ֔ל | ʾûkal | oo-HAHL |
is sealed: | כִּ֥י | kî | kee |
חָת֖וּם | ḥātûm | ha-TOOM | |
הֽוּא׃ | hûʾ | hoo |