विलापगीत 2:4
उसने शत्रु बनकर धनुष चढ़ाया, और बैरी बनकर दाहिना हाथ बढ़ाए हुए खड़ा है; और जितने देखने में मनभावने थे, उन सब को उसने घात किया; सिय्योन की पुत्री के तम्बू पर उसने आग की नाईं अपनी जलजलाहट भड़का दी है।
He hath bent | דָּרַ֨ךְ | dārak | da-RAHK |
his bow | קַשְׁתּ֜וֹ | qaštô | kahsh-TOH |
enemy: an like | כְּאוֹיֵ֗ב | kĕʾôyēb | keh-oh-YAVE |
he stood | נִצָּ֤ב | niṣṣāb | nee-TSAHV |
hand right his with | יְמִינוֹ֙ | yĕmînô | yeh-mee-NOH |
as an adversary, | כְּצָ֔ר | kĕṣār | keh-TSAHR |
and slew | וַֽיַּהֲרֹ֔ג | wayyahărōg | va-ya-huh-ROɡE |
all | כֹּ֖ל | kōl | kole |
pleasant were that | מַחֲמַדֵּי | maḥămaddê | ma-huh-ma-DAY |
to the eye | עָ֑יִן | ʿāyin | AH-yeen |
in the tabernacle | בְּאֹ֙הֶל֙ | bĕʾōhel | beh-OH-HEL |
daughter the of | בַּת | bat | baht |
of Zion: | צִיּ֔וֹן | ṣiyyôn | TSEE-yone |
out poured he | שָׁפַ֥ךְ | šāpak | sha-FAHK |
his fury | כָּאֵ֖שׁ | kāʾēš | ka-AYSH |
like fire. | חֲמָתֽוֹ׃ | ḥămātô | huh-ma-TOH |