Isaiah 30:28
उसकी सांस ऐसी उमण्डनेवाली नदी के समान है जो गले तक पहुंचती है; वह सब जातियों को नाश के सूप से फटकेगा, और देश देश के लोगों को भटकाने के लिये उनके जभड़ों में लगाम लगाएगा॥
And his breath, | וְרוּח֞וֹ | wĕrûḥô | veh-roo-HOH |
as an overflowing | כְּנַ֤חַל | kĕnaḥal | keh-NA-hahl |
stream, | שׁוֹטֵף֙ | šôṭēp | shoh-TAFE |
midst the to reach shall | עַד | ʿad | ad |
of | צַוָּ֣אר | ṣawwār | tsa-WAHR |
the neck, | יֶֽחֱצֶ֔ה | yeḥĕṣe | yeh-hay-TSEH |
sift to | לַהֲנָפָ֥ה | lahănāpâ | la-huh-na-FA |
the nations | גוֹיִ֖ם | gôyim | ɡoh-YEEM |
sieve the with | בְּנָ֣פַת | bĕnāpat | beh-NA-faht |
of vanity: | שָׁ֑וְא | šāwĕʾ | SHA-veh |
and there shall be a bridle | וְרֶ֣סֶן | wĕresen | veh-REH-sen |
in | מַתְעֶ֔ה | matʿe | maht-EH |
the jaws | עַ֖ל | ʿal | al |
of the people, | לְחָיֵ֥י | lĕḥāyê | leh-ha-YAY |
causing them to err. | עַמִּֽים׃ | ʿammîm | ah-MEEM |