James 5:16
इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।
Cross Reference
Romans 9:19
सो तू मुझ से कहेगा, वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उस की इच्छा का साम्हना करता है?
Genesis 3:12
आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया।
Isaiah 63:17
हे यहोवा, तू क्यों हम को अपने मार्गों से भटका देता, और हमारे मन ऐसे कठोर करता है कि हम तेरा भय नहीं मानते? अपने दास, अपने निज भाग के गोत्रों के निमित्त लौट आ।
Habakkuk 2:12
हाय उस पर जो हत्या कर के नगर को बनाता, और कुटिलता कर के गढ़ को दृढ़ करता है।
James 1:2
हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो
Confess | ἐξομολογεῖσθε | exomologeisthe | ayks-oh-moh-loh-GEE-sthay |
your | ἀλλήλοις | allēlois | al-LAY-loos |
faults | τὰ | ta | ta |
one to another, | παραπτώματα, | paraptōmata | pa-ra-PTOH-ma-ta |
and | καὶ | kai | kay |
pray | εὔχεσθε | euchesthe | AFE-hay-sthay |
one for | ὑπὲρ | hyper | yoo-PARE |
another, | ἀλλήλων | allēlōn | al-LAY-lone |
that | ὅπως | hopōs | OH-pose |
healed. be may ye | ἰαθῆτε | iathēte | ee-ah-THAY-tay |
The effectual fervent | πολὺ | poly | poh-LYOO |
prayer | ἰσχύει | ischyei | ee-SKYOO-ee |
man righteous a of | δέησις | deēsis | THAY-ay-sees |
availeth | δικαίου | dikaiou | thee-KAY-oo |
much. | ἐνεργουμένη | energoumenē | ane-are-goo-MAY-nay |
Cross Reference
Romans 9:19
सो तू मुझ से कहेगा, वह फिर क्यों दोष लगाता है? कौन उस की इच्छा का साम्हना करता है?
Genesis 3:12
आदम ने कहा जिस स्त्री को तू ने मेरे संग रहने को दिया है उसी ने उस वृक्ष का फल मुझे दिया, और मैं ने खाया।
Isaiah 63:17
हे यहोवा, तू क्यों हम को अपने मार्गों से भटका देता, और हमारे मन ऐसे कठोर करता है कि हम तेरा भय नहीं मानते? अपने दास, अपने निज भाग के गोत्रों के निमित्त लौट आ।
Habakkuk 2:12
हाय उस पर जो हत्या कर के नगर को बनाता, और कुटिलता कर के गढ़ को दृढ़ करता है।
James 1:2
हे मेरे भाइयों, जब तुम नाना प्रकार की परीक्षाओं में पड़ो