Titus 1:7 in Hindi

Hindi Hindi Bible Titus Titus 1 Titus 1:7

Titus 1:7
क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मार पीट करने वाला, और न नीच कमाई का लोभी।

Titus 1:6Titus 1Titus 1:8

Titus 1:7 in Other Translations

King James Version (KJV)
For a bishop must be blameless, as the steward of God; not selfwilled, not soon angry, not given to wine, no striker, not given to filthy lucre;

American Standard Version (ASV)
For the bishop must be blameless, as God's steward; not self-willed, not soon angry, no brawler, no striker, not greedy of filthy lucre;

Bible in Basic English (BBE)
For it is necessary for a Bishop to be a man of virtue, as God's servant; not pushing himself forward, not quickly moved to wrath or blows, not desiring profit for himself;

Darby English Bible (DBY)
For the overseer must be free from all charge [against him] as God's steward; not headstrong, not passionate, not disorderly through wine, not a striker, not seeking gain by base means;

World English Bible (WEB)
For the overseer must be blameless, as God's steward; not self-pleasing, not easily angered, not given to wine, not violent, not greedy for dishonest gain;

Young's Literal Translation (YLT)
for it behoveth the overseer to be blameless, as God's steward, not self-pleased, nor irascible, not given to wine, not a striker, not given to filthy lucre;

For
δεῖdeithee
a
γὰρgargahr
bishop
τὸνtontone
must
ἐπίσκοπονepiskoponay-PEE-skoh-pone
be
ἀνέγκλητονanenklētonah-NAYNG-klay-tone
blameless,
εἶναιeinaiEE-nay
as
ὡςhōsose
the
steward
θεοῦtheouthay-OO
of
God;
οἰκονόμονoikonomonoo-koh-NOH-mone
not
μὴmay
selfwilled,
αὐθάδηauthadēaf-THA-thay
not
μὴmay
soon
angry,
ὀργίλονorgilonore-GEE-lone
not
μὴmay
given
to
wine,
πάροινονparoinonPA-roo-none
no
μὴmay
striker,
πλήκτηνplēktēnPLAKE-tane
not
μὴmay
given
to
filthy
lucre;
αἰσχροκερδῆaischrokerdēaysk-roh-kare-THAY

Cross Reference

2 Peter 2:10
निज करके उन्हें जो अशुद्ध अभिलाषाओं के पीछे शरीर के अनुसार चलते, और प्रभुता को तुच्छ जानते हैं: वे ढीठ, और हठी हैं, और ऊंचे पद वालों को बुरा भला कहने से नहीं डरते।

1 Peter 5:2
कि परमेश्वर के उस झुंड की, जो तुम्हारे बीच में हैं रखवाली करो; और यह दबाव से नहीं, परन्तु परमेश्वर की इच्छा के अनुसार आनन्द से, और नीच-कमाई के लिये नहीं, पर मन लगा कर।

Luke 12:42
प्रभु ने कहा; वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भण्डारी कौन है, जिस का स्वामी उसे नौकर चाकरों पर सरदार ठहराए कि उन्हें समय पर सीधा दे।

Leviticus 10:9
कि जब जब तू वा तेरे पुत्र मिलापवाले तम्बू में आएं तब तब तुम में से कोई न तो दाखमधु पिए हो न और किसी प्रकार का मद्य, कहीं ऐसा न हो कि तुम मर जाओ; तुम्हारी पीढ़ी पीढ़ी में यह विधि प्रचलित रहे,

Isaiah 28:7
ये भी दाखमधु के कारण डगमगाते और मदिरा से लड़खड़ाते हैं; याजक और नबी भी मदिरा के कारण डगमगाते हैं, दाखमधु ने उन को भुला दिया है, वे मदिरा के कारण लड़खड़ाते और दर्शन पाते हुए भटक जाते, और न्याय में भूल करते हैं।

Ephesians 5:18
और दाखरस से मतवाले न बनो, क्योंकि इस से लुचपन होता है, पर आत्मा से परिपूर्ण होते जाओ।

1 Peter 4:10
जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्डारियों की नाईं एक दूसरे की सेवा में लगाए।

James 1:19
हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो।

Titus 2:3
इसी प्रकार बूढ़ी स्त्रियों का चाल चलन पवित्र लोगों सा हो, दोष लगाने वाली और पियक्कड़ नहीं; पर अच्छी बातें सिखाने वाली हों।

Titus 1:5
मैं इसलिये तुझे क्रेते में छोड़ आया था, कि तू शेष रही हुई बातों को सुधारे, और मेरी आज्ञा के अनुसार नगर नगर प्राचीनों को नियुक्त करे।

2 Timothy 2:24
और प्रभु के दास को झगड़ालू होना न चाहिए, पर सब के साथ कोमल और शिक्षा में निपुण, और सहनशील हो।

1 Timothy 3:1
यह बात सत्य है, कि जो अध्यक्ष होना चाहता है, तो वह भले काम की इच्छा करता है।

Philippians 1:1
मसीह यीशु के दास पौलुस और तीमुथियुस की ओर से सब पवित्र लोगों के नाम, जो मसीह यीशु में होकर फिलिप्पी में रहते हैं, अध्यक्षों और सेवकों समेत।

Proverbs 14:17
जो झट क्रोध करे, वह मूढ़ता का काम भी करेगा, और जो बुरी युक्तियां निकालता है, उस से लोग बैर रखते हैं।

Proverbs 15:18
क्रोधी पुरूष झगड़ा मचाता है, परन्तु जो विलम्ब से क्रोध करने वाला है, वह मुकद्दमों को दबा देता है।

Proverbs 16:32
विलम्ब से क्रोध करना वीरता से, और अपने मन को वश में रखना, नगर के जीत लेने से उत्तम है।

Proverbs 31:4
हे लमूएल, राजाओं का दाखमधु पीना उन को शोभा नहीं देता, और मदिरा चाहना, रईसों को नहीं फबता;

Ecclesiastes 7:9
अपने मन में उतावली से क्रोधित न हो, क्योंकि क्रोध मूर्खों ही के हृदय में रहता है।

Isaiah 56:10
उसके पहरूए अन्धे हैं, वे सब के सब अज्ञानी हैं, वे सब के सब गूंगे कुत्ते हैं जो भूंक नहीं सकते; वे स्वप्न देखने वाले और लेटे रहकर सोते रहना चाहते हैं।

Ezekiel 44:21
और भीतरी आंगन में जाने के समय कोई याजक दाखमधु न पीए।

Matthew 24:45
सो वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान दास कौन है, जिसे स्वामी ने अपने नौकर चाकरों पर सरदार ठहराया, कि समय पर उन्हें भोजन दे?

1 Corinthians 4:1
मनुष्य हमें मसीह के सेवक और परमेश्वर के भेदों के भण्डारी समझे।

Genesis 49:6
हे मेरे जीव, उनके मर्म में न पड़, हे मेरी महिमा, उनकी सभा में मत मिल; क्योंकि उन्होंने कोप से मनुष्यों को घात किया, और अपनी ही इच्छा पर चलकर बैलों की पूंछें काटी हैं॥